बिहार उपचुनाव: नीतीश-तेजस्वी की जोड़ी की अग्निपरीक्षा कल, मोकामा में बाहुबलियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर

बिहार उपचुनाव 2022: मोकामा और गोपालगंज में मतदान गुरुवार को होना है. यहां दो बाहुबलियों की पत्नियां मैदान में है. वहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी की अग्निपरीक्षा भी ये उपचुनाव होगा. मोकामा का चुनावी मिजाज जानें...

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2022 2:45 PM
an image

Bihar Upchunav: बिहार में नये सियासी समीकरण बनने के बाद महागठबंध की पहली अग्निपरीक्षा गुरुवार को है. बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव का मतदान होना है. मोकामा और गोपालगंज सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. प्रचार का शोर मंगलवार को ही थम चुका है. बात मोकामा की करें तो यहां दो बाहुबलियों की प्रतिष्ठा दांव पर है. जबकि एक और बाहुबली नेता ने मोर्चा थामकर इसे खुद के प्रतिष्ठा का भी विषय बना लिया है.

दो बाहुबलियों की पत्नी के बीच मुकाबला

मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उप चुनाव के लिए तीन नवंबर गुरुवार को सुबह सात बजे से मतदान शुरू होगा. छह नवंबर रविवार को मतों की गिनती की जायेगी. मोकामा में राजद की नीलम देवी का सीधा मुकाबला भाजपा की सोनम देवी के बीच है. नीलम देवी राजद के पूर्व विधायक जेल में बंद अंनत सिंह की पत्नी हैं. वहीं भाजपा उम्मीदवार सोनम देवी के पति ललन सिंह भी बाहुबली नेता के रूप में जाने जाते हैं.

महागठबंधन ने लगाई पूरी जोर

अनंत सिंह और ललन सिंह के खेमे ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए पूरी जोर लगा दी है. अनंत सिंह अभी जेल में बंद हैं लेकिन उनके समर्थक पूरी तरह सक्रिय रहे हैं. महागठबंधन के शीर्ष नेता तक मैदान में उतरकर प्रचार किये हैं. मंत्रियों की फौज महागठबंधन ने उतार दी थी. तेजस्वी यादव, ललन सिंह वगैरह फ्रंट लाइन पर मोर्चा थामे रहे.

Also Read: बिहार उपचुनाव: मोकामा में भूमिहार समेत इन जातियों के वोट से बनेगा या बिगड़ेगा खेल, समझिये गणित…
जदयू और राजद एकसाथ

बता दें कि इस बार जब जदयू और राजद साथ है तो ये चुनाव बेहद दिलचस्प बना हुआ है. मोकामा को अनंत सिंह का गढ़ माना जाता है. जो यहां पिछले 18 सालों से जीत दर्ज करते आए हैं. वहीं ललन सिंह भी लगातार उन्हें चैलेंज देते रहे हैं. इस बार उनकी पत्नी सोनम देवी फिर एकबार मैदान में उतरी है.

सूरजभान सिंह भी रहे सक्रिय

मोकामा में भाजपा ने 1995 के बाद उम्मीदवार उतारा है. बीजेपी प्रत्याशी के लिए चिराग पासवान भी प्रचार किये हैं. ललन सिंह को सूरजभान सिंह का करीबी माना जाता है. इसी कारण से सूरजभान सिंह ने भी इस चुनाव में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. वो मोकामा के ही निवासी भी हैं और इस माटी की राजनीति उनके लिए पूर्व में काफी लाभकारी रह चुकी है. मोकामा में भूमिहार वोटरों की भूमिका सबसे निर्णायक रहती है. 6 नवंबर को मतगणना के बाद यह तय होगा कि इस बार जनता का मिजाज कैसा रहा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Exit mobile version