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Bihar By-election: उपचुनाव प्रचार से नीतीश और तेजस्वी दोनों ने बनाई दूरी, जानें क्या है सियासी मजबूरियां

Bihar By-election: बिहार में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीट के लिए आगामी तीन नवंबर को उपचुनाव होना है. इन सब के बीच जहां बीजेपी ने दोनों सीटों के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं, राजद और जदयू में इस चुनाव को लेकर ज्यादा खास उत्साह नहीं देखा जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2022 5:30 PM

Bihar Politics: बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. एक मोकामा, तो दूसरा है गोपालगंज. दोनों जगहों पर महागठबंधन की ओर से राजद के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. जबकि राजद को चुनौती पेश करने के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. लेकिन इस चुनाव में वह सियासी उत्साह नहीं देखने को मिल रहा है. जो आम तौर पर किसी चुनाव में देखने को मिलता है. वजह इस चुनाव से तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने दूरियां बनाकर रखी है.

अपनी डफली…अपना राग वाली स्थिति

विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजद-जदयू और बीजेपी की अपनी डफली अपना राग वाली स्थिति है. प्रचार में शामिल नहीं होने को लेकर जदयू नेताओं का कहना है कि जब राजद को जरूरत होगी, तो वे महा गठबंधन के प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. वहीं, बीजेपी के नेताओं का कहना है कि राजद और जदयू का गठबंधन स्वाभाविक है ही नहीं. इसलिए जदयू इस चुनाव में दिलचस्पी नहीं ले रही है.

मोकामा में दो बाहुबलियों की पत्नी मैदान में

बता दें कि बिहार में दो विधानसभा सीट पर चुनाव हो रहे हैं. मोकामा और गोपालगंज. मोकामा विधानसभा सीट से दो बाहुबलियों की पत्नी चुनावी मैदान में है. जहां आरजेडी ने बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि बीजेपी ने बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी पर भरोसा जताया है. वहीं, गोपालगंज विधानसभा सीट की बात करें तो, यहां से बीजेपी ने कुसुम देवी को प्रत्याशी बनाया है. कुसुम दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी है. कुसुम देवी का मुकाबला राजद प्रत्याशी मोहन गुप्ता से हैं. बता दें कि गोपालगंज सीट बीजेपी विधायक सुभाष सिंह के निधन से खाली हुई थी. जबकि अनंत सिंह के सजायाफ्ता होने के बाद मोकाम सीट से उनकी विधायकी चली गयी थी. जिस वजह से यह सीट खाली हुई थी.

तीन नवंबर को मतदान

गौरतलब है कि इन दोनों सीटों पर आगामी तीन नवंबर को चुनाव होना है. चुनाव प्रचार में बीजेपी और राजद के प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं. लेकिन अभी तक दोनों दलों के प्रत्याशियों को किसी बड़े नेता का साथ नहीं मिला है. अनंत सिंह कभी जेडीयू के नेता थे और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के करीबी माने जाते थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से दोनों के बीच की दूरियां बढ़ गई थी. इसको लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. हालांकि दोनों सीटों के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

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