Loading election data...

बिहार उपचुनाव: मोकामा में भाजपा ने 1995 के बाद नहीं उतारा उम्मीदवार, अनंत सिंह के गढ़ में चुनौती कड़ी

Bihar Upchunav 2022: बिहार में उपचुनाव का बिगुल बज चुका है. 3 नवंबर को मतदान होना है. मोकामा विधानसभा सीट पर इसबार भाजपा के लिए चुनौती बढ़ गयी है. अनंत सिंह के गढ़ में भाजपा लंबे अरसे बाद उम्मीदवार उतारेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2022 9:36 AM

Bihar Upchunav 2022: बिहार में उपचुनाव का बिगुल बज गया है. निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की दो सीटों पर उपचुनाव के कार्यक्रम जारी कर दिये हैं. मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीट पर चुनाव होना है. आगामी 3 नवंबर को दोनों जगहों पर वोट डाले जाएंगे. मोकामा की सीट पर राजद के बाहुबली नेता अनंत सिंह (Anant Singh) ने जीत दर्ज की थी लेकिन सजा का एलान होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गयी. इस सीट पर अब भाजपा अपना उम्मीदवार उतारेगी लेकिन बीजेपी की राह बेहद कठिन होगी.

अनंत सिंह 2005 से लगातार चुनाव जीते

मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. बिहार में अब जब सियासी समीकरण बदल गये हैं जो जदयू, राजद और कांग्रेस एकसाथ चुनावी मैदान में है. जबकि भाजपा अब अकेले दम पर ही चुनाव लड़ेगी. मोकामा की राह भाजपा के लिए आसान नहीं है. यहां की सियासी गलियों में बाहुलबी अनंत सिंह का ही सिक्का चलता है. ये पिछले कुछ सालों के चुनाव परिणाम को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. अनंत सिंह 2005 से लगातार यहां चुनाव जीत रहे हैं.

भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

मोकामा में बाहुबली अनंत सिंह को छोटे सरकार के नाम से लोग जानते हैं. अनंत सिंह ने यहां जिस दल का दामन थामा, उसने जीत हासिल की. जब अनंत सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे तब भी उनको हराना मुश्किल रहा. लगभग सभी दलों के उम्मीदवारों को उन्होंने पटखनी दी है. हालाकि भाजपा के लिए इस बार उम्मीदवार का चयन करना सबसे बड़ा टास्क होगा. महागठबंधन ने अभी अपने उम्मीदवार तय नहीं किये हैं लेकिन कौन उम्मीदवार यहां महागठबंधन प्रत्याशी को मात देगा, ये चयन करना भाजपा के लिए चैलेंज होगा.

Also Read: बिहार के बगहा में घर में सोयी लड़की को बाघ ने बनाया शिकार, लोगों ने किया हंगामा तो शव छोड़कर भागा
1995 के बाद बीजेपी ने नहीं उतारा उम्मीदवार

बता दें कि भाजपा ने मोकामा में 1995 के बाद अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. भाजपा ने गठबंधन में रहे अपने सहयोगी दल को ही ये सीट सौंपा है. कभी जदयू ने यहां अपना उम्मीदवार उतारा तो कभी लोजपा के खाते में ये सीट गयी. लेकिन इसबार अब भाजपा यहां से उम्मीदवार देने की तैयारी में है.

निर्दलीय लड़कर भी जीते अनंत सिंह

जेडीयू से अलग होकर 2015 में भी भाजपा ने चुनाव लड़ा था और इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार को उतारा. लेकिन अनंत सिंह यहां निर्दलीय ही जीत गये. तब जदयू और राजद एकसाथ थी. वहीं 2020 में अनंत सिंह राजद के टिकट पर लड़े और जदयू उम्मीदवार को हराया था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version