नीतीश कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को बिहार कैबिनेट का विस्ताक किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि बिहार के राज्यपाल फागु चौहान मंगलवार की शाम को मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. ऐसे में बिहार में मंत्री मंडल के विस्तार के साथ ही महागठबंधन में बवाल शुरू हो गया है. स्वतंत्रता दिवस के दिन मंत्री पद के बटवारे को लेकर सदागत आश्रम में जमकर बवाल हुआ है. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में काफी उम्मीद लेकर आए कांग्रेस विधायक कैबिनेट में केवल तीन सीट मिलने से नाराज हैं. कार्यकर्ताओं के मुताबिक संख्या के हिसाब से कांग्रेस को कम से कम पांच मंत्री पद मिलने चाहिए थे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने प्रभारी भक्त चरण दास पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए जमकर गाली गलौज की है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रभारी के कारण बिहार में पार्टी को नुकसान हो रहा है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो किसी प्रभारी को नहीं मानते हैं. पार्टी का कोई नेता नहीं नहीं है, वो केवल राहुल गांधी को मानते हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी को उसका वाजिब हक मिलना चाहिए. कार्यकर्ता पांच से कम मंत्री पद पर मानने को तैयार नहीं है.
कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास कार्यकर्ताओं के बीच में फंस गए थे. पार्टी के वरिष्ठ नेता किसी तरह प्रभारी को लोगों के बीच से निकालकर बाहर लेकर आए, ताकि वो तिंरगा मार्च में शामिल हो सके. सदागत आश्रम में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. गयासुद्दीन खान और आपात खान जैसे नेता आश्रम के गेट पर आकर विरोध करने लगे. इस दौरान दोनों ने पार्टी प्रभारी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया.
कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि महागठबंधन में नीतीश कुमार के द्वारा जितनी सीट मंत्रिमंडल में मिली है. सम्मानजनक है. हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर चार विधायक वाले जीतन राम मांझी की पार्टी को एक मंत्री का सीट दिया जा रहा है तो फिर उस हिसाब से कांग्रेस को काफी कम सीट मिली है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अगर नीतीश कुमार ने कांग्रेस को सम्मानजनक सीट नहीं दिया तो आगे पार्टी में बड़ी टूट हो सकती है.