बिहार कैबिनेट ने दी इथेनॉल पॉलिसी को मंजूरी, उत्पादकों को मिलेगी 15 फीसदी कैपिटल सब्सिडी

राज्य सरकार की चिर प्रतिक्षित इथेनाॅल उत्पादन योजना को जमीन पर उतारने को हरी झंडी मिल गयी. देश की पहली बिहार इथेनॉल पॉलिसी को राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 17, 2021 7:35 AM

पटना. राज्य सरकार की चिर प्रतिक्षित इथेनाॅल उत्पादन योजना को जमीन पर उतारने को हरी झंडी मिल गयी. देश की पहली बिहार इथेनॉल पॉलिसी को राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी. इसके तहत इथेनॉल का उत्पादन करने वाले उद्यमियों को 15 फीसदी तक कैपिटल सब्सिडी मिलेगी. अधिकतम कैपिटल सब्सिडी पांच करोड़ रहेगी.

पॉलिसी में कहा गया है कि यूनिट लगाने के लिए भूमि की रजिस्ट्री बिल्कुल नि:शुल्क की जायेगी. इथेनाल उत्पादन से राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके लिए 30 जून, 2021 तक आवेदन करना होगा. आवेदन करने वाले उद्यमी व कंपनियों को सात दिनों में सरकार की क्लीयरेंस मिल जायेगी.

यह पालिसी 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी होगी. इथेनाॅल पालिसी के तहत इथेनाॅल उत्पादन के लिए आने वाली कंपनी का लैंड कन्वर्जन शुल्क भी माफ रहेगा. ये सारी सुविधाएं केवल नयी यूनिट लगाने वालों को ही दी जायेंगी. वे सुगर मिलें, जो पहले से स्थापित हैं, उन्हें इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा. अगर उन्हें यह सुविधाएं चाहिए, तो उन्हें अलग फैक्टरी लगानी पड़ेगी.

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पॉलिसी में बताया गया है कि निवेशक को बताना होगा कि वह अपनी फैक्टरी में 100 फीसदी इथेनॉल का उत्पादन करेगा. दूसरा, उन्हें पूरा इथेनॉल ऑयल कंपनियों को ही देना होगा. उसे इसके लिए ऑयल कंपनी से लिया गया अनुबंध पत्र राज्य सरकार को देना होगा. इथेनॉल पॉलिसी में अधिकतम 10 फीसदी तक ब्याज दर माफ होगी. पॉलिसी का फायदा चाहिए तो 30 जून, 2021 तक निवेशकों को आवेदन करना होगा. इसके अलावा उन्हें जून, 2022 तक बैंक लोन आदि की डिटेल और अन्य वित्तीय तकनीकी जानकारी देनी होगी.

कैबिनेट के अन्य फैसले

  • -कैबिनेट ने नगर विकास विभाग को बिजली कंपनी को देने के लिए 700 करोड़ की स्वीकृति दी गयी.

  • -पेशाकर से प्राप्त होनेवाले राजस्व को जनसंख्या के आधार पर सभी नगर निकायों को भेजने पर सहमति

  • -पटना विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021 और बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के संशोधन विधेयक 2021 पर मुहर

  • -मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता अगले पांच वर्षों तक के लिए लागू रखने पर भी सहमति अनुमान है कि इसमें अगले पांच सालों में करीब हजार करोड़ खर्च होंगे.

क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पॉलिसी के तहत इथेनॉल की फैक्टरी लगाने के लिए जरूरी क्लीयरेंस में आसानी के लिए भी नियम बनाये गये हैं. सिंगल विंडो सिस्टम के तहत केवल सात दिनों में फैक्टरी लगाने के लिए क्लीयरेंस विभाग जारी करेगा. अगर निवेशक बियाडा से जमीन मांगेंगे तो उन्हें सात दिनों के अंदर बियाडा अपने निर्णय से अवगत करा देगा. इसके अलावा 2016 के तहत निवेश संवर्धन नीति और उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर की सभी सुविधाएं इथेनॉल निवेशकों को मिलेंगी.

आरक्षित वर्ग को अधिक सब्सिडी

इथेनॉल पॉलिसी के तहत अनुसूचित जाति व जनजाति, महिला और दिव्यांग को कैपिटल सब्सिडी में विशेष प्रोत्साहन दिया गया है. उन्हें अधिकतम कैपिटल सब्सिडी 15.75 फीसदी दी जायेगी. वहीं, इसकी अधिकतम कैपिटल सब्सिडी 5.25 करोड़ तय की गयी है.

इन वस्तुओं से बनाया जा सकेगा इथेनॉल

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में इथेनॉल गन्ना, गन्ने के रस, मक्का, चावल की टूट (खुद्दी), सड़े हुए अनाज, एफसीआइ के बचे खाद्यान्न से (अगर वह दे) उत्पादन किया जा सकेगा. राष्ट्रीय बायो फ्यूल नीति, 2018 के लिए स्वीकृत अन्य कच्चे माल से भी यह बनाया जा सकेगा. सूत्रों के मुताबिक 100% फ्यूल ग्रेड उत्पादन वाली वह यूनिट ग्रीन फील्ड होनी चाहिए.

ये मिलेंगी सुविधाएं

  • सात दिनों में क्लीयरेंस

  • अधिकतम कैपिटल सब्सिडी पांच करोड़

  • यूनिट के लिए जमीन की रजिस्ट्री फ्री

  • कंपनी का लैंड कन्वर्जन शुल्क भी माफ रहेगा

ये रहेंगी शर्तें

  • सिर्फ नयी यूनिट के लिए ही मिलेंगी सभी सुविधाएं

  • फैक्टरी में 100 फीसदी इथेनॉल का उत्पादन करना होगा

  • पूरा इथेनॉल ऑयल कंपनियों को ही देना होगा

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version