Bihar Police में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन, जानिए क्या हुआ बदलाव
Bihar Cabinet Decision, CSBC Bihar Police Constable Recruitment: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट (Nitish Cabinet) की बैठक में कुल 18 एजेंडों की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट द्वारा बिहार पुलिस (Bihar Police) में सिपाही के पद पर सीधी भर्ती प्रक्रिया के लिए लिखित परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है. सिपाही भर्ती परीक्षा 100 अंकों की होगी और दो धंटे में परीक्षा ली जायेगी.
Bihar news: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 18 एजेंडों की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट द्वारा बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर सीधी भर्ती प्रक्रिया के लिए लिखित परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है. सिपाही भर्ती परीक्षा सौ अंकों की होगी और दो घंटे में परीक्षा ली जायेगी.
इसके पाठ्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र व अर्थ शास्त्र शामिल होंगे. विज्ञान में भौतिकी, रसायन विज्ञान, प्राणी विज्ञान और वनस्पति विज्ञान के प्रश्न शामिल होंगे. साथ ही समसामयिक विषय भी शामिल होंगे. परीक्षा के प्रश्नों का स्तर मैट्रिक के स्तर के समकक्ष होगा.
प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक अंक दिये जायेंगे. लिखित परीक्षा दो प्रतियों में होगी. एक कार्बन प्रति होगी जो चयन पर्षद के पास होगी. यह प्रति एक वर्ष तक सुरक्षित रखी जायेगी. इधर बिहार पुलिस रेडियो में राजपत्रित स्तर (डीएसपी) के पदों पर होनेवाली सीधी नियुक्ति में 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी जबकि 50 प्रतिशत पदों पदोन्नति से भरी जायेगी.
योजना विभाग में 113 पदों का सृजन
बिहार के प्रमुख 27 विभागों में आंकड़ों के संग्रह, वर्गीकरण व विश्लेषण के लिए बिहार सांख्यिकी सेवा के सहायक निदेशक (सांख्यिकी) और बिहार अवर सांख्यिकी सेवा के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी (अराजपत्रित) के एक-एक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है.
इसी प्रकार राज्य के 41 विभागों में बजट तैयार करने, योजनाओं के सफल कार्यान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए योजना एवं विकास विभाग, मुख्यालय पटना में सहायक निदेशक के 41 पदों और योजना सहायक के 41 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी.
पंचायतों का होगा पुनर्गठन
कैबिनेट द्वारा ग्राम पंचायत के कुछ क्षेत्रों को नगर निकायों में शामिल किये जाने के बाद जिन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या तीन हजार या उससे अधिक होगी तो वह पंचायतें यथावत बनी रहेंगी. जिन पंचायतों की जनसंख्या तीन हजार से कम हो जायेगी उनका पुनर्गठन कर आसपास की पंचायतों में शामिल कर उनका नामाकरण कर दिया जायेगा. नये पंचायतों के गठन के लिए 1991 की जनगणना को आधार माना जायेगा.
Posted By: Utpal kant