पटना. बिहार में 84 दिन पुरानी नीतीश कुमार की सरकार का मंगलवार को पहला विस्तार किया गया. भाजपा से 9 जबकि जदयू से 8 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इस विस्तार में भाजपा और जदयू दोनों दलों ने जाति से भूगोल तक का ख्याल रखा है. भाजपा और जदयू दोनों ने एक एक मुस्लिम चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इतनी ही जगह मिथिला के ब्राह्मण को भी दी गयी है. सबसे अधिक चार मंत्री राजपूत जाति से बने हैं, जबकि सुपौल को सबसे अधिक जगह मिली है.
1. शाहनवाज हुसैन (एमएलसी ), मुस्लिम समाज से हैं. हुसैन 1999, 2006 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीते. कोसी प्रमंडल के रहनेवाले हुसैन की पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल में अच्छी पकड़ रही है.
2. सम्राट चौधरी ( एमएलसी) कुशवाहा समाज से हैं और पहले भी कृषि और नगर विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं. सम्राट के पिता शकुनी चौधरी भी मंत्री रह चुके हैं.
3. सुभाष सिंह ( विधायक – गोपालगंज) राजपूत समाज से हैं. भाजपा के पुराने नेता रहे सिंह कभी विवादों में नहीं रहे और इनके सभी दलों के नेताओं से अच्छे संबंध हैं.
4. आलोक रंजन ( विधायक — सहरसा) ब्राम्हण समाज से हैं. सहरसा से भाजपा के विधायक चुने गये हैं. लवली आनंद को हराकर सदन में आये हैं. 45 साल के युवा झा की कोसी प्रमंडल में अच्छी पकड़ हैं.
5. प्रमोद कुमार ( विधायक- मोतिहारी) वैश्य समाज से हैं. मोतिहारी से भाजपा विधायक. साल 2005 से लगातार जीत रहे हैं. पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री रह चुके हैं. 58 साल के प्रमोद कुमार की संगठन में अच्छी पकड़ है.
6. जनक चमार — (बनेगें एमएलसी) महादलित समाज से हैं.
7. नारायण प्रसाद (विधायक-नौतन) वैश्य समाज से हैं. नौतन से भाजपा विधायक हैं. 62 साल के नारायण प्रसाद 2015 में भी चुनाव जीते थे.
8. नितिन नवीन ( विधायक बांकीपुर) कायस्थ समाज से हैं. ये लगातार चौथी बार विधायक बने हैं. इनके पिता भी पटना के विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक रह चुके हैं.
9. नीरज सिंह बबलू (विधायक –छतापुर) राजपूत समाज से हैं. सुशांत सिंह राजपूत के भाई नीरज छातापुर से जीत कर आये हैं. इनकी पत्नी भी विधान पार्षद है.
1. श्रवण कुमार विधायक -( विधायक नालंदा) कुर्मी समाज से हैं. नालंदा से विधायक हैं. सात बार विधानसभा चुनाव जीते हैं. 1995 से लगातार जीत रहे हैं चुनाव. नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. पिछली सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे.
2. लेसी सिंह (विधायक-धमदाहा) राजपूत समाज से हैं. धमदाहा से जदयू विधायक हैं. पांच बार जीत चुकी हैं. पहली बार 2000 में चुनी गईं थीं. फरवरी 2005 में जीतीं, अक्टूबर में हारीं. 2010, 2015 और 2020 में जीतीं.
3. संजय झा (एमएलसी) ब्राम्हण समाज से हैं. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं. पिछली सरकार में जल संसाधन मंत्री थे. नीतीश के करीबी माने जाते हैं.
4. जमा खान विधायक – ( बीएसपी का एक मात्र विधायक,जो जेडीयू में आ गए है ) मुस्लिम समाज से हैं. बसपा उम्मीदवार के तौर पर पहली बार चुनाव जीत कर सदन में आये हैं.
5. सुमित कुमार सिंह (एक मात्र निर्दलीय विधायक जमुई) राजपूत समाज से हैं. इनके पिता नरेंद्र सिंह भी नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इस बार सुमित निर्दलीय चुनाव जीते थे और जीतने के बाद ही नीतीश कुमार को समर्थन दे दिया था.
6. जयंत राज : कुशवाहा समाज से हैं. अमरपुर से विधायक चुने गये राज पहली बार मंत्री बने हैं.
7. सुनील कुमार (विधायक-भोरे) दलित समाज से हैं . गोपालगंज के भोरे से जदयू विधायक चुने गये हैं. सुनील कुमार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रह चुके हैं. दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई करनेवाले सुनील महज 500 वोट से चुनाव जीते हैं. बड़े भाई अनिल कुमार भी विधायक रहे हैं.
8. मदन सहनी : मलल्लाह समाज से हैं. दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक बने सहनी 2015 में गौराबराम से जीते थे. 53 साल के मदन सहनी स्नातक हैं. खाद्य आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं. नीतीश के करीबी माने जाते हैं.
Posted by Ashish Jha