बिहार में मंगलवार की सुबह शुरू हुई बड़ी सियासी उठा पटक अभी भी जारी है. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन के मंत्री पद से इस्तीफे देने के बाद बयानबाजी का दौर जारी है. इस बीच बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार का दूसरा कैबिनेट विस्तार जल्द ही होगा. माना जा रहा है कि 23 जून की विपक्षी एकता के पूर्व नये विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है. हम के डाॅ संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद इसके कयास लगाये जा रहे हैं. माना जा रहा है कि जदयू के सोनबरसा के अनुसूचित जाति से आनेवाले विधायक रत्नेश सदा को पार्टी ने पटना तलब किया है. संभावना है कि उन्हें मंत्री पद दिया जायेगा.
संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने अपने आवास पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और ललन सिंह के साथ बैठक की. बैठक के बाद सोनबर्षा विधानसभा क्षेत्र से रत्नेश सदा को फोन करके बुलाया गया. फोन आते ही विधायक पटना के लिए निकल गए. पटना पहुंचकर उन्होंने कहा कि फोन आया था. इसके बाद हम पटना पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जो भी जिम्मेदारी देंगे उसका निर्वाह करेंगे. मुख्यमंत्री का आशीर्वाद मिलेगा तो मंत्री भी बनेंगे.
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फिलहाल सरकार में अनुसूचित जाति के मंत्रियों की संख्या में एक की कमी हो गयी है. रत्नेश सदा इसकी भरपाई कर सकते हैं. मौजूदा सरकार में अनुसूचित जाति कोटे से चार मंत्री हैं. इनमें जदयू के भवन निर्माण मंत्री डा अशोक चौधरी और उत्पाद मंत्री सुनील कुमार, राजेंद्र के सुरेंद्र राम और कांग्रेस के मुरारी गौतम के नाम हैं. संवैधानिक प्रावधानों के तहत सरकार में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं. जबकि मुख्यमंत्री के अलावा सरकार में मंत्रियों की संख्या 29 रह गयी है. इसके तहत अभी सरकार में छह और मंत्रियों की गुंजाइश बन सकती है. नयी सरकार में कांग्रेस के दो मंत्री हैं. जबकि भाकपा, माकपा और भाकपा माले सरकार से बाहर रह कर समर्थन कर रही है. सरकार में सिर्फ जदयू, राजद और कांग्रेस के मंत्री हैं.