पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें महिलाओं एवं युवाओं को स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री महिला एवं युवा उद्यमी योजना को स्वीकृति दी गयी है. साथ ही इन दोनों योजनाओं के लिए वर्ष 2021-22 में 200-200 करोड़ रुपये जारी किये गये, ताकि इस कोरोना काल में अधिक-से-अधिक संख्या में महिला और युवा इसका लाभ उठा सकें.
इन योजनाओं के तहत महिलाओं और युवाओं को 10-10 लाख रुपये का लोन सरकार देगी. इसमें पांच लाख रुपये अनुदान होगा, जबकि युवाओं को शेष पांच लाख रुपये महज एक प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने होंगे. महिलाओं को बिना ब्याज के पांच लाख रुपये लौटाने की सुविधा होगी.
वहीं, मुख्यमंत्री एससी-एसटी और अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना में बदलाव किये गये हैं. इसके तहत अब अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी एससी-एसटी वर्ग के लोगों की तरह ही उद्योग लगाने के लिए सुविधाएं मिलेंगी. बैठक में कुल नौ एजेंडों को मंजूरी दी गयी. इसमें सीएम समेत तमाम मंत्री और सचिव ऑनलाइन ही जुड़े थे.
वहीं, नालंदा जिले के राजगीर में मौजूद नेचर सफारी में ओपी के सृजन को मंजूरी दी गयी है. इसके संचालन के लिए 96 पदों की स्वीकृति दी गयी है. कैबिनेट की बैठक में सीतामढ़ी के वरीय उपसमाहर्ता नरेंद्र नाथ को सेवा से बर्खास्तगी का दंड देने पर सहमति बनी है. वह बिप्रसे के पदाधिकारी हैं.
राज्य सरकार वर्ष 2021-22 में 30 हजार 702 करोड़ रुपये बाजार से ऋण लेगी. इस तरह सरकार बाजार से कुल 36 हजार 273 करोड़ रुपये का ऋण इस बार ले सकेगी. चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार ने एफआरबीएम एक्ट के तहत कुल राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का ऋण लेने की सीमा को बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है.
इससे बिहार सरकार 27 हजार 179 करोड़ रुपये का लोन बाजार से सीधे तौर पर ले सकेगी. जबकि इस वित्तीय वर्ष में नौ हजार 94 करोड़ रुपये लोन की वापसी पर राज्य सरकार खर्च होंगे. इस तरह से राज्य सरकार सकल ऋण के तौर पर 36 हजार 273 करोड़ रुपये प्राप्त कर सकेगी. कोरोना में बढ़ते संकट को देखते हुए और राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए यह पहल की गयी है. कैबिनेट की बैठक में इस पर मंजूरी मिल गयी है.
राज्य कैबिनेट ने सभी जिलों में सरकारी अतिथि गृहों या परिसदनों या सर्किट हॉउस में रसोइयाें के 151 पद सृजित किये हैं. इन पदों पर नियुक्ति होने से सभी अतिथि गृहों में उचित सुविधा यहां ठहरने वालों मिल सकेगी. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के तहत बिहार कार्यालय परिचारी (विशिष्ट) (भर्ती एवं शर्ते) नियमावली, 2010 को मंजूरी दी गयी है.
परिवहन विभाग ने गाड़ियों के मनपसंद (च्वाइस) नंबर अधिक-से-अधिक लोगों को दिलाने के लिए विशेष तौर पर पहल करने का प्रावधान किया है. इसके तहत वाहन डीलर अब लोगों को उनके च्वाइस का नंबर लेने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके बदले में संबंधित डीलरों को भी प्रोत्साहन राशि या निश्चित मात्रा में इंसेंटिव दी जायेगी.
इसके लिए बिहार मोटरगाड़ी (यथासंशोधित) नियमावली, 1992 में एक विशेष नियम का प्रावधान किया गया है. बिहार आकस्मिकता निधि की राशि को 350 करोड़ से बढ़ाकर 8732 करोड़ कर दी गयी है. यह अस्थायी बढ़ोतरी 30 मार्च, 2022 तक के लिए की गयी है. कोरोना काल में जरूरी कार्यों को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान किया गया है.
Posted by Ashish Jha