बिहार में जाति गणना के दूसरे चरण की शुरूआत आज से हुई है. सीएम नीतीश कुमार ने भी बख्तियारपुर में अपने पैतृक गांव में गणना से जुड़े 17 सवालों का जवाब दिया. मगर, गणना शुरू होने के साथ ही, इसे बड़ा झटका लगा है. राज्य में नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली जारी होने के बाद से शिक्षक संघों का विरोध जारी है. जाति गणना में लगाए गए शिक्षकों ने अब गणना से बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है. रक्सौल में प्रखंड परिसर स्थित बीआरसी कार्यालय के मुख्य द्वार पर संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रखंड के नियोजित शिक्षकों ने सरकार की शिक्षक भर्ती नियमावली का विरोध जताते हुए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया. धरना-प्रदर्शन प्रखंड अध्यक्ष विजय कुमार साह की अध्यक्षता में हुई. इस दौरान जाति गणना कार्य का बहिष्कार करने की बात नियोजित शिक्षकों ने की.
मधुबनी में स्थानीय प्रखंड अंतर्गत संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा बिहार के बैनर तले मधुबनी प्रखंड के शिक्षकों के इकाई द्वारा जाति आधारित गणना को लेकर बहिष्कार किया गया है. ज्ञात हो कि लिखित आवेदन में नियमावली 2023 के प्रावधान को विरोधी करार दिया है. शिक्षक संघ के अध्यक्ष उपेंद्र लाल श्रीवास्तव, महा सचिव नसीम अंसारी, उपाध्यक्ष रामप्रताप सिंह, नवीन कुमार राय एवं सैकड़ों शिक्षक शिक्षिकाएं शांति पूर्ण तरीके से एक दिवसीय विरोध जताया. साथ हीं बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
मोतिहारी के मधुबन में भी शिक्षक नियमावली 2023 के विरोध में तेतरिया प्रखंड मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन नियोजित शिक्षकों ने किया. इस दौरान जाति गणना का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल बीडीओ को ज्ञापन सौंपकर सरकार से नई शिक्षक नियमावली को रद्द करने की मांग की. जबकि, बंजरिया प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर शनिवार को संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में धरना प्रदर्शन किया गया. अध्यक्षता संघ के प्रखंड अध्यक्ष राम एकबाल सहनी कर रहे थे. साथ ही, कल्याणपुर में जाति आधारित गणना का पूर्णतः बहिष्कार करने को लेकर प्रखंड के शिक्षकों ने शनिवार को बीडीओ अरविंद कुमार सिंह को मांग पत्र सौंपा.