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बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट को लेकर 9 दलों की बैठक आज, सीएम नीतीश ने बताया इस दौरान क्या होगी चर्चा..

बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सामने आ गयी है. गांधी जयंती के दिन जारी किए गए सर्वे रिपोर्ट में यह पता चला है कि प्रदेश में किस जाति की कितनी आबादी है. वहीं मंगलवार को पटना में 9 दलों की अहम बैठक होने जा रही है. जानिए इसमें क्या चर्चा किया जाएगा..

Caste Survey Report Bihar: बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गयी. 2 अक्टूबर को यह रिपोर्ट जारी की गयी जिसके बाद अब यह आंकड़ा सामने आ गया है कि प्रदेश में किस जाति की कितनी संख्या है. किस धर्म के कितने अनुयायी हैं, इसकी भी जानकारी अब सामने आ गयी है. वहीं जातिगत गणना की जब रिपोर्ट सामने आयी तो इसे लेकर सियासत भी खूब गरमायी. अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सियासी दलों की ओर से सामने आयीं. किसी ने इसका स्वागत किया तो किसी ने इसमें खामियां गिनाई हैं. वहीं जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए गणना की पहल में शामिल सभी नौ दलों की बैठक मंगलवार को होने जा रही है.

बिहार में 9 दलों की बैठक, सीएम नीतीश ने बताया किन बातों पर होगी चर्चा..

जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के अगले दिन मंगलवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे 9 सियासी दलों की बैठक बुलायी गयी है. यह जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दी. वे पटना के गांधी संग्रहालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस बैठक में वो सभी दलें शामिल हो रही है जो जाति गणना के पक्ष में रहे और सर्वे कराने का फैसला लिया गया. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक के उद्देश्य को लेकर भी अपनी बात कही. सीएम ने कहा कि उस बैठक में एक-एक चीजों का प्रजेंटेशन दिया जायेगा. सबकी राय लेकर आगे कदम उठायेंगे. जातीय गणना के साथ-साथ एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ले ली गयी है, उसकी रिपोर्ट भी जारी होगी. अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या बढ़ी है, उनको भी फायदा होगा. सबको लाभ मिले इसको लेकर कल की मीटिंग में एक-एक चीज को रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल मे प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी नौ दलो की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करायेगी और दो जून 2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गयी थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करायी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे मे पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्ग के विकास एवं उत्थान के लिए आगे की कार्रवाई की जायेगी. बिहार मे करायी गयी जाति आधारित गणना को लेकर मंगलवार को बिहार विधानसभा के नौ दलो की बैठक बुलायी गयी है. इस बैठक मे जाति आधारित गणना के परिणामों से दलों को अवगत कराया जायेगा.

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भाजपा भी बैठक में लेगी हिस्सा, जानिए कहां है नाराजगी

जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर चर्चा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलायी गयी बैठक में भाजपा भी शामिल होगी. बिहार विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे. आधी-अधूरी रिपोर्ट जारी हुई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बताया कि सरकार को सामाजिक-आर्थिक गणना रिपोर्ट भी जारी करनी चाहिए. बता दें कि भाजपा ने इस रिपोर्ट को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. बीजेपी ने इसकी त्रुटियों को गिनाया है. गौरतलब है कि अभी केवल राज्य के अंदर निवास करने वाली 215 जातियों की आबादी कितनी है, इसके बारे में बताया गया है. इनकी आर्थिक और सामाजिक स्थितियों की रिपोर्ट आनी बाकी है. सरकार का दावा है कि जाति गणना के आंकड़े उस समुदाय के लिए योजनाएं बनाने में मददगार होंगे. दूसरी ओर विपक्ष की पार्टियां जातियों की संख्या से इतर उनके आर्थिक, सामाजिक उत्थान की दिशा में ठोस पहल की मांग जोर दे रही हैं.

बिहार में अतिपिछड़ी जातियों की संख्या बढ़ने के सवाल पर बोले सीएम..

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार मे करायी गयी जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिये गये है. इस कार्य मे लगी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई उधर, पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने प्रधानमंत्री के द्वारा अतिपछड़ी जातियों के लिए विश्वकर्मा योजना लागू किये जाने और बिहार में अतिपिछड़ी जातियों की संख्या बढ़ने के सवाल पर कहा कि हमको ये सब पता नहीं है कि उनलोगों ने क्या लागू किया है. बिहार में हमलोग जितना काम किये हैं उतना आज तक कोई नहीं किया है. बिहार में किसी एक जाति नहीं बल्कि सभी जातियों के हित में काम आगे बढ़ेगा. वर्ष 2011 में केंद्र सरकार ने जनगणना करायी थी. इसके 10 वर्षो के बाद भी जनगणना नहीं हुई है.

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