बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध में नियोजित शिक्षक संघों के द्वारा जाति गणना (Bihar Caste Census) का बहिष्कार किया जा रहा है. इसी बीच, आरा में गणना की शुरूआत कर दी गयी है. इसकी जानकारी देते हुए भेजपुर के जिलाधिकारी राज कुमार ने कहा कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के आह्वान पर आज पूरे बिहार में जातिगत जनगणना की शुरुआत की गई. इसी क्रम में आज भोजपुर में भी जातिगत जनगणना के लिए जिला प्रशासन की एक टीम आरा के चंदवा मोहल्ले में भेजा जा रहा है. इस दौरान यह पूरी टीम घर- घर जाकर लोगों से 17 सवालों का जवाब लेकर आकड़े दर्ज करेगी.
जिलाधिकारी राजकुमार ने बताया कि जातिगत जनगणना को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी कर रखी है. जिला प्रशासन के द्वारा एक ऐप जारी किया जाएगा जिसमें लोग अपनी गणना दर्ज करवाएंगे. वहीं, डीएम राजकुमार ने आम लोगों से अपील किया है कि वो जनगणना करने वाले कर्मियों को सही जानकारी दें ताकि बिहार में जातिगत जनगणना की जा सके और यह जातिगत जनगणना विकास के कार्य में काफी कार्यशील होगा. गौरतलब है कि जाति गणना के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि किसी जाति की क्या वास्तविक स्थिति है. इसके बारे में जानकारी मिलेगी. इससे राज्य में विकास कार्यों को लागू करने में मदद मिलेगी.
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बिहार के कई शिक्षक संघों ने जाति गणना में शामिल होने से इंकार कर दिया है. दरअसल, गणना में आकड़ों को इक्ठा करने के काम नियोजित शिक्षकों को ही करना है. मगर, नई शिक्षक नियुक्ति में राज्यकर्मी का दर्जा देने और सामान्य काम के लिए सामान्य वेतन देने की मांग को लेकर शिक्षक संघ विरोध में उतर गए हैं. शिक्षक संघों का समर्थन भाजपा के नेता भी कर रहे हैं.