11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार जाति गणना: हिंदुओं में सबसे अधिक यादव, राजपूत से अधिक है ब्राह्मणों की आबादी

जाति गणना के अनुसार बिहार के हिंदुओं में सबसे बड़ी जाति अहिरों की है, यादवों की संख्या करीब 14.24 है, जबकि दूसरे नंबर पर दुसाध और तीसरे पर कुशवाहा है. सवर्णों को लेकर जो आंकड़े सामने आये हैं, वो भी चौंकानेवाले हैं.

पटना. बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है. वैसे सरकार ने आर्थिक और सामाजिक आंकड़े जारी नहीं किये गये हैं. सरकार की ओर से जारी जातीय गणना के आंकड़ों के अनुसार बिहार में हिंदू आबादी लगभग 82 फीसदी है, जबकि मुस्लिम आबादी का प्रतिशत महज 18 फीसदी के आसपास है. जाति गणना के अनुसार बिहार के हिंदुओं में सबसे बड़ी जाति यादव की है, यादवों की संख्या करीब 14.24 है, जबकि दूसरे नंबर पर दुसाध और तीसरे पर कुशवाहा है. सवर्णों को लेकर जो आंकड़े सामने आये हैं, वो भी चौंकानेवाले हैं. बिहार में राजपूतों से अधिक ब्राहमणों की संख्या है. बिहार में ब्राह्मण करीब 3.65 प्रतिशत हैं, जबकि राजपूतों की आबादी उससे कम करीब 3.45 प्रतिशत है. बाभन अर्थात भूमिहार ब्राहमणों की संख्या में 2.86 प्रतिशम है, जबकि कायस्थों की संख्या महज 0.60 प्रतिशत ही दर्ज की गयी है.

बिहार में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी

सर्वे के बाद जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है. इनमें हिंदू समुदाय की आबादी 81.9%, मुस्लिम की आबादी 17.7%, ईसाई 0.05%, सिख- 0.01%, बौद्ध 0.08%, जैन 0.0096% और अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0.12% है। 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में 10.07 करोड़ हिंदू और मुस्लिम की आबादी 2.31 करोड़ है. अगर हिंदूओं की बात करें तो इसमें अत्यंत पिछड़ा- 36 फीसदी, पिछड़ा वर्ग- 27 फीसदी, अनुसूचित जाति- 19 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.68 फीसदी है. बिहार सरकार की तरफ से जारी जातीय गणना के मुताबिक बिहार में अगड़ों की तादाद 15.52 फीसदी है, जिसमें भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्रह्मणों की आबादी 3.66 फीसदी, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी, यादवों को आबादी 14 फीसदी, राजपूत को आबादी 3.45 फीसदी, कायस्थ 0.60 फीसदी है.

Also Read: बिहार: यात्रियों को त्योहार से पहले रेलवे का तोहफा, पटना से स्पेशल ट्रेन के परिचालन का फैसला, देखें शेड्यूल..

ये रहा पूरा जातीय आंकड़ा

जातीय गणना के मुताबिक, बिहार में कुल 215 जातियां हैं. उसमें कायस्थ- 0.60 फीसदी, कुर्मी- 2.87 फीसदी, कुशवाहा- 4.21 फीसदी, चंद्रवंशी- 1.64 फीसदी, धानुक- 2.13 फीसदी, धोबी- 0.83 फीसदी, नाई- 1.59 फीसदी, नोनिया- 1.91, कुम्हार- 1.40, पासी- 0.98, बढ़ई- 1.45, ब्राह्मण- 3.65, भूमिहार- 2.86, मल्लाह- 2.60, माली- 0.26, मुसहर- 3.08, राजपूत- 3.45, लोहार- 0.15, सोनार- 0.68, हलवाई- 0.60 फीसदी हैं। अघोरी- 0.069, अदरखी- 0.02, अबदल- 0.0087, अमात- 0.21, असुर- 0.059, अवध बनिया- 0.03, मुस्लिम दर्जी- 0.25 फीसदी है.

काफी विवाद के बाद पूरा हुआ सर्वे

बिहार में सभी दलों की सहमति से जातीय गणना कराने पर सहमति बनी थी. सभी दलों की सहमति के बाद विधानमंडल के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित हुआ. केंद्र सरकार के इनकार करने के बाद बिहार सरकार ने अपने बूते पर जातीय गणना का काम शुरू किया, लेकिन जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था और मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दो चरणों में जातीय गणना का काम पूरा हुआ. जातीय गणना का काम पूरा होने के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार से जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही थी, लेकिन आखिरकार नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर जातीय गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें