Bihar Chhath Puja 2020: लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन गुरुवार को खरना मनाया जा रहा है. छठ पूजा में खरना के प्रसाद का अलग ही महत्व है. खरना का प्रसाद बनाने में साफ सफाई और पवित्रता का काफी ध्यान रखा जाता है. खरना का प्रसाद बनाने में मुख्य रूप से चावल, दूध और गुड़ का उपयोग किया जाता है. कई जगहों पर खरना के प्रसाद में दाल-चावल बनाने का भी प्रचलन है.
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छठ महापर्व के दौरान खरना के प्रसाद को ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो जाता है. यह उगते सूर्य भगवान को अर्घ देने के बाद संपन्न होगा. खरना के प्रसाद में चावल और दूध चंद्रमा का प्रतीक है. जबकि, गुड़ सूर्यदेव का प्रतिनिधित्व करता है. तीनों के मिश्रण से बनी खीर को ‘रसिया’ कहते हैं. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक इससे मानसिक रोगों से निजात मिलता है.
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खास बात यह है कि छठ महापर्व को मुख्य रूप से संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है. हिंदू धर्म में भगवान भास्कर को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. उनकी उपासना से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. छठ एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते और उगते सूर्य की पूजा की जाती है. इस साल कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने खास गाइडलाइंस जारी की है. जिसका पालन बेहद जरूरी है.
Posted : Abhishek.