मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना पर उठे सवाल तो चयनित एजेंसियों ने रखी अपनी बात
Solar Street Light Scheme कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग टेंडर होने के बाद से ही कंपनी और सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं. उनकी कंपनी की छवि धूमिल करने के लिए ही इन लोगों के द्वारा फर्जी शिकायत की गई.
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट 2 के अंतर्गत सोलर लाइट लगाने की योजना को विस्तारित रूप देने के लिए 13 एजेंसियों का चयन किया गया है. सरकार इन एजेंसियों के जरिये ही पूरे बिहार के गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाने का काम करेगी. सरकार ने इसके लिए 13 एजेंसियों का चयन किया है. चयन काम ब्रेडा करती है. ब्रेडा ने इसके लिए जिन एजेंसियों को चयनित किया है उसपर सवाल खड़ा होने लगे. इसपर सनडिगो सोलर सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड सवाल खड़ा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. उनका कहना है कि अधूरी जानकारी और साक्ष्य को बिना समझे कोई बात लिखना और छापना गलत है. ऐसा करने से उनके और उनके साथ काम कर रहे लोगों के काम पर भी प्रभाव पड़ता है.
सात निश्चय योजना पार्ट 2 को पूरा करने वाली एजेंसी सनडिगो सोलर सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड का कहना है कि कंपनी का टर्नओवर टेंडर के मानक के अनरुप है. जबकि कुछ लोगों ने एजेंसी की छवि धूमिल करने के लिए सनडिगो सोलर सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप लगाया कि कंपनी का टर्नओवर 3 वर्ष के औसतन 10 करोड़ के पार नहीं है. आरोप में यह बताया गया है कि यह एजेंसी ब्रेडा के टेंडर मानक के खिलाफ है फिर भी उन्हें टेंडर दे दिया गया.
इसपर सनडिगो सोलर सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों ने पलटवार करते हुए कहा कि जिसमें स्पष्ट रूप से 3 साल का टर्नओवर औसत 20 करोड 83 लाख 45 हजार 105 रूपए 78 पैसा पाया गया. कागजात के रूप में सीए द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र यूडीआईएन नंबर के साथ प्रस्तुत किया गया. यूआईडीएन रहने से राष्ट्रीय मानक में प्रमाणित प्रमाण पत्र माना जाता है. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग टेंडर होने के बाद से ही कंपनी और सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं. उनकी कंपनी की छवि धूमिल करने के लिए ही इन लोगों के द्वारा फर्जी शिकायत की गई. जिसके खिलाफ कंपनी कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है. वहीं कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ से ब्रेडा में भी अपना पक्ष रखा गया , ताकि मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना पर आगे चलकर कोई भी झूठा आरोप न लगा सके.