कबाड़ से जुगाड़ थीम पर किलकारी के बच्चे अपने काबिलियत को और निखारने में जुटे हैं, ताकि राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में मजबूत दावेदारी के साथ प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर सकें. इन दिनों राजकीय मध्य विद्यालय रोहुआ स्थित किलकारी बाल केंद्र में बच्चे पुराने अखबार, पुराने कार्टन, बोतल, मोती, मिट्टी के बर्तन, पुराने कपड़े के उपयोग से घरेलू सजावट के सामान के साथ काम की चीजे तैयार कर रहे हैं. टूटे-फूटे सामानों से रंग-बिरंगे खिलौनों को बना कर नया रूप दिया गया है. इसके साथ ही बेकार पड़े सामान को को इकट्ठा कर कोन, शंकु, आयात, त्रिभुज, चतुर्भुज बना कर बच्चे खेल-खेल में रेखा गणित के सूत्रों को भी हल करते हैं.
किलकारी बाल केंद्र की समन्वयक आरती कुमारी ने बताया कि दिसंबर से पहले पटना में प्रत्येक वर्ष राज्य स्तरीय प्रदर्शनी आयोजन होती है. इसमें प्रत्येक जिले के किलकारी बाल केंद्र से बच्चे भाग लेते हैं. विभाग की ओर तिथि की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन तैयारी शुरू कर दी गयी है. फिलहाल केंद्र पर 80 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्हें टूटी-फूटी बेकार चीजों से सजावट के साथ उपयोगी चीज तैयार करना सिखाया जाता है.
प्रशिक्षक रश्मि कुमारी ने बताया कि जानकारी नहीं होने के कारण हम घरों से कबाड़ बाहर फेंक देते हैं. जबकि, कबाड़ से जुगाड़ कर घर में बेकार पड़ी वस्तुओं से हम कई कलाकृतियां बना सकते हैं. केंद्र पर रितु कुमारी, कुमारी दीया, कुमारी रिया, श्वेता, प्रियांशी, आस्था, रोहन, अनुराग, कन्हैया, ऋषभ, आकाश, मानव, ओम प्रकाश, जिया आदि बच्चों ने बेहतर कलाकृति बनायी है. इसे सहेज कर रखा जा रहा है.