Bihar Civil Court में आये 7692 पदों पर बहाली का मामला फंसता हुआ दिख रहा है. बहाली के लिए आए नोटिफिकेशन में संशोधन की मांग की जा रही है. बताया जा रहा है कि बिहार में छह साल बाद सिविल कोर्ट के चार अलग-अलग पदों के लिए लगभग सात हजार सीटों पर बहाली निकली है. लेकिन इस बहाली के विज्ञापन मे त्रुटियों से अभ्यर्थी परेशान हैं. राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि स्टेनोग्राफर पद के लिए हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा यानी बाइलिंग्यूअल (द्विभाषीय) अनिवार्य योग्यता रखी गई है. जबकि इससे पहले जब 2016 मे बहाली आयी थी तो उसमें हिन्दी या अंग्रेजी या बाइलिंग्यूअल था यानी वैकल्पिक था.
इस बार सिर्फ बाइलिंग्यूअल योग्यता ही रखी गई है. इस कारण लाखों स्टूडेंट्स फॉर्म ही नही भर पाएंगे. साथ ही, त्रुटि सीमा पांच प्रतिशत रखी गई है जबकि कुछ समय पूर्व पटना हाईकोर्ट की बहाली आयी थी उसमे 15 प्रतिशत थी. फॉर्म भरने के लिए आवेदन शुल्क तीन तरह के पद के लिए 800-800 रूपया रखा गया है. अगर कोई अभ्यर्थी तीन तरह के पद के लिए आवेदन भरते हैं तो उन्हें 2400 रूपया देना होगा. बिहार के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. ऐसी परिस्थिति मे इतना ज्यादा फीस नही लगना चाहिए. आवेदन शुल्क 150- 200 रूपया ही होना चाहिए.
दिलीप कुमार ने बताया कि चूंकि 2016 के बाद ये बहाली आयी है इसलिए अधिकतम उम्र सीमा की गणना भी 2016 के अनुसार ही होनी चाहिए. आज इन्हीं मांगों से संबंधित ज्ञापन आज मुख्यमंत्री सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग को दिया गया तथा गांधी मैदान, पटना मे छात्रों की एक बैठक भी आयोजित हुई और सरकार से विज्ञापन को संशोधित करने की मांग किया गया. अगर सरकार जल्द विज्ञापन को संशोधित नही करवाती है तो छात्र सड़क पर उतरकर आंदोलन भी कर सकते हैं.