Coronavirus : सीएम नीतीश ने राबड़ी की उपस्थिति में बिहार विधान परिषद में ली चुटकी, कहा- स्वस्थ लोगों के लिए मास्क नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, मास्क उन लोगों के लिए जो संक्रमित हैं या वैसे स्वास्थ्य कर्मी जो पीड़ितों की देखभाल करते हैं. एक मास्क का प्रयोग छह से आठ घंटे ही किया जा सकता है. इसके बाद इसे चाहे जला दें या मिट्टी के नीचे दबा दें.
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद में कोरोना पर अपने गंभीर उद्बोधन के दौरान सोमवार को परिषद का माहौल हल्का करते हुए कहा कि कोरोना से बचने के लिए स्वस्थ आदमी को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है. सुन रहे हैं न रामचंदर भारती जी. कुछ विधान पार्षदों ने इस पर कुछ टिप्पड़ियां की. इस पर मुख्यमंत्री फिर बोले, अरे प्लेन में ये स्वास्थ्य मंत्री के बगल में बैठे थे, इसलिए वे ज्यादा समझ गये होंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें समझाया होगा. पूरा सदन हंस पड़ा. भारती की तरफ उन्मुख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा, देखे न कैसे दिल्ली जाते समय में प्लेन में एक स्टाफ बिना वजह मास्क लगाये थी. उसे हटवा दिया था. विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी भी उपस्थित थीं.
बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यहां भी लोग मास्क बांट रहे थे. अच्छी बात है. लोग जागरूक हो रहे हैं. सदस्यों की तरफ से इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोगों ने भी लिये होंगे. इस पर कई सदस्यों ने मास्क को लेकर अपनी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं. हालांकि, मुख्यमंत्री ने सचेत किया कि मास्क पहनने के भी नियम हैं. उसकी अवधि छह-आठ घंटे ही है. उसकी प्रभाव शीलता की अवधि खत्म होने के बाद उसे नष्ट कर देना चाहिए. उपयोग में लाये गये मास्क को घर में रखने की जरूरत नहीं है.
इसके पहले मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में भी इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी. इसके बाद विधानसभा परिसर में भी पत्रकारों से इस मसले से जुड़े कई पहलुओं पर जानकारी दी. लोगों में इस बीमारी के प्रति सजगता और जागरूकता फैलाने के लिए विधानसभा के बजट सत्र को इसके समापन के लिए पूर्व निर्धारित तारीख 31 मार्च से पहले ही समाप्त कर दिया गया. सीएम ने कहा कि बाहर से आने वाले इसके संदिग्धों को पृथक स्थान (क्वार्नटाइन) पर रखने के लिए शहर के बंद पड़े पाटलिपुत्र अशोक होटल के भवन को चुना गया है. इस भवन को पूरी तरह से साफ-सुथरा कर इसे पूरी तरह से डीसेनेटाइज करने के बाद यहां नये बेड लगाये जायेंगे और सभी संदिग्धों को यहीं रखा जायेगा. इसके खर्च का पूरा वहन सरकार करेगी.
कोरोना से डरने की जरूरत नहीं : सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. सजग और जागरूक होकर बचाव किया जा सकता है. यह सिर्फ बिहार नहीं पूरे देश की समस्या है. इसमें ‘अवेयरनेस’ सबसे ज्यादा जरूरी है. ग्रामीण और शहरी इलाकों में सभी लोगों को इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर माध्यम से विज्ञापन करके प्रचार-प्रसार किया जायेगा. शिक्षक और सरकारी कर्मियों को भी इसे लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा कि इस बारे में अगर किसी को कोई सूचना या रोकथाम के लिए आइडिया देनी है, तो वह तुरंत उनके कार्यालय में भी सूचना दे सकता है.
31 मार्च के बाद होगी समीक्षा फिर होगा निर्णय
सीएम ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों की राय में 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होने पर यह वायरस समाप्त हो जायेगा, लेकिन यह पूरी तरह से मान्य नहीं है. ऐसे में मार्च के बाद दिन में इतना तापमान हो जाता है, तो इसके फैलने की आशंका कम हो जायेगी. इस वजह से फिलहाल 31 मार्च तक रोकथाम के लिए ये कदम उठाये गये हैं. इसके बाद स्थिति की समीक्षा करके आगे का निर्णय लिया जायेगा.
अस्पताल में 100 अतिरिक्त वेंटिलेटर की व्यवस्था
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में पांच-पांच बेड और सभी मेडिकल कॉलेजों में 10 से 20 बेडों की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 अतिरिक्त वेंटिलेटर की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य यूपी और पड़ोसी देश नेपाल में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हैं. ऐसे में सूबे में इसके फैलने की आशंका बढ़ गयी है. इस स्थिति में यहां हर तरह से ज्यादा जागरूक रहने की आवश्यकता है. इस वजह से स्कूल, कॉलेज से लेकर सभी सार्वजनिक स्थान और कार्यक्रम को 31 मार्च तक ऐतिहातन बंद कर दिया गया है.
‘सोशल डिस्टेंस’ बचाव का सबसे बड़ा माध्यम
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस बीमारी में ‘सोशल डिस्टेंस’ को बनाये रखना सबसे बड़ा बचाव का माध्यम है. अब तक यह देखा गया कि ताइवान, थाईलैंड जैसे जिन देशों ने अपने को लॉक-डॉउन कर लिया, उनके यहां संक्रमण नहीं फैला. इस वजह से सोशल डिस्टेंस बनाये रखा बेहद जरूरी है. बहुत ज्यादा लोगों से मिलना-जुलना या पार्टी या सार्वजनिक स्थानों पर आने-जाने से परहेज करने की जरूरत है.
मास्क स्वस्थ लोगों के लिए नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि स्वस्थ लोगों के लिए मास्क की कोई जरूरत नहीं है. मास्क उन लोगों के लिए जो संक्रमित हैं या वैसे स्वास्थ्य कर्मी जो पीड़ितों की देखभाल करते हैं. एक मास्क का प्रयोग छह से आठ घंटे ही किया जा सकता है. इसके बाद इसे चाहे जला दें या मिट्टी के नीचे दबा दें.