बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से मिलने उनके सरकारी आवास पहुंचे. नीतीश कुमार और ललन सिंह की मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वापस लौट गए. रविवार की सुबह दोनाें नेताओं की मुलाकात हुई तो सूबे में सियासी चर्चााओं का बाजार गर्म हो गया. इस मुलाकात के मायने क्या हैं, इसे लेकर अलग-अलग कयास लगाए जाने लगे. ललन सिंह से मुलाकात से पहले नीतीश कुमार ने पार्टी के सिनियर नेता वशिष्ट नारायण सिंह से भी मुलाकात की.
रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के साथी नेताओं से मुलाकात की. सीएम ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. दोनों के बीच करीब आधे घंटे की बातचीत हुई. वहीं इस मुलाकात के अब अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, रविवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार आ रहे हैं. मुजफ्फरपुर में अमित शाह भाजपा की रैली को संबोधित करेंगे. वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में भी पिछले दिनों एक हलचल हुई जब सीएम नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन के सुस्त रवैये के लिए कांग्रेस को जिम्मेवार ठहरा दिया. वहीं जदयू नेता केसी त्यागी के एक बयान से भी सियासत गरमायी. इसके ठीक बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन करके नीतीश कुमार से बात की थी.
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कांग्रेस के पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों में व्यस्त रहने संबंधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बीच शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत की. माना जा रहा है कि खरगे ने अपनी ओर से कांग्रेस की चुनावी व्यस्तता पर सफाई दी है. साथ ही इंडिया गठबंधन के कामकाज को लेकर अगली रणनीति पर भी चर्चा की है. खरगे ने मुख्यमंत्री से उनका कुशल क्षेम पूछकर ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा की. दरअसल, पिछले दिनों भाकपा की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस का ध्यान केवल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तक सीमित रहने और इंडिया गठबंधन पर ध्यान नहीं देने संबंधी बयान दिया था. इसके साथ ही जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने शुक्रवार को एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा था कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति में बदलाव हो गया है. मुंबई में बैठक के बाद लग रहा था कि गतिविधियां तेज होंगी. अफसोस है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति और कार्यनीति में कुछ ठहराव आया. पिछले कई महीनों से को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक भी नहीं हुई.
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लगातार सरप्राइज विजिट जारी है. इसी क्रम में वे शनिवार सुबह करीब नौ बजे जदयू प्रदेश मुख्यालय पहुंचे थे. वहां उस समय पार्टी का कोई अधिकारी या कार्यकर्ता मौजूद नहीं था. केवल सुरक्षाकर्मी थे. मुख्यमंत्री ने जदयू परिसर का निरीक्षण किया और फिर वहां से लौटकर संसदीय कार्य सह वित्त मंत्री विजय चौधरी के आवास पहुंचे. वहां कुछ देर रुकने और बातचीत के बाद वे सीएम आवास वापस लौट गये. सूत्रों के अनुसार इसके कुछ देर बाद मुख्यमंत्री सीएम आवास से निकलकर अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार के आवास पहुंचे. वहां मुलाकात और कुछ देर रुककर बातचीत के बाद फिर से मुख्यमंत्री वापस अपने आवास लौट गये. इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ दिन पहले से समयसमय पर सचिवालय पहुंचकर वहां का निरीक्षण करते रहे हैं. साथ ही मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मियों को समय पर कार्यालय पहुंचने का निर्देश देते रहे हैं.