जेपी जयंती पर सीएम नीतीश कुमार के नागालैंड दौरे की बड़ी वजह, जानें जदयू के लिए ललन सिंह की तैयारी…
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन आज 11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागालैंड दौरे पर निकलेंगे. सीएम का यह दौरा जदयू के लिए क्यों महत्वपूर्ण है और इसके क्या सियासी मायने हो सकते हैं. जानिये क्या कहते हैं सियासी पंडित...
JP Jayanti 2022: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आज 11 अक्टूबर को बिहार की सियासी गर्मी भी बढ़ी है. एकतरफ जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जेपी की जन्मस्थली सारण जिले के सिताब दियारा गांव पहुंच रहे हैं तो दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागालैंड दौरे पर रवाना होंगे. जेपी की धरती से अमित शाह की हुंकार और आज के दिन सीएम का नागालैंड दौरा, दोनों के काफी मायने हैं.
दीमापुर में अखिल नागालैंड बिहारी सम्मेलन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेपी जयंती के दिन आज दीमापुर में रहेंगे. जहां दीमापुर जिला खेल परिसर के सभागार में अखिल नागालैंड बिहारी सम्मेलन होने जा रहा है और सीएम नीतीश कुमार इसमें भाग लेंगे. मुख्यमंत्री आज पटना से नागालैंड रवाना होंगे. इस दौरे को लेकन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया था कि नागालैंड जब अशांत था तो जेपी की बड़ी भूमिका रही थी माहौल शांत कराने में और आज नागालैंड में उनकी पूजा होती है.
जब जेपी गये थे नागालैंड
दरअसल, सियासी पंडितों की मानें तो सीएम नीतीश का नागालैंड दौरा जदयू के लिए लाभकारी भी साबित हो सकता है. जेडीयू के निशाने पर इस दौरे से नागालैंड में अपनी पैठ मजबूत करना भी होगा. 1960 के दशक में पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति बहाल हो इस उद्देश्य को लेकर जेपी तब नागालैंड गये थे. अखिल नागालैंड बिहारी सम्मेलन में शामिल होकर सीएम नीतीश कुमार व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सियासी तीर भी चला सकते हैं.
2023 में नागालैंड में विधानसभा चुनाव
बात नागालैंड दौरे की करें तो इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी हो सकती है कि जदयू अपनी पूरी ताकत अब राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए झोंक रहा है. 2023 में नागालैंड में विधानसभा चुनाव होना है और जदयू यहां से पहले भी अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारती आयी है. जदयू यहां पार्टी का विस्तार भी करने में लगी है.
राष्ट्रीय पार्टी बनने का प्रयास
पिछले विधानसभा चुनाव यानी वर्ष 2018 में जदयू ने एक सीट पर यहां जीत हासिल की थी. जदयू को तब 5.6 प्रतिशत वोट मिले थे. अगर जदयू को कम से कम 6 प्रतिशत वोट मिल जाते हैं तो उसे नियमानुसार उस राज्य में राज्य पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. इस तरह चौथे राज्य में मान्यता लेकर जदयू राष्ट्रीय पार्टी के लिए पात्र हो जाएगी. जदयू को बिहार, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में पहले से मान्यता प्राप्त है.
Posted By: Thakur Shaktilochan