सीएम नीतीश कुमार की मांग, केंद्र सरकार देश भर में कराये जातीय जनगणना और बिहार को दे विशेष राज्य का दर्जा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से देश भर में जातीय आधारित जनगणना कराने और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के बारे में पहल करने की उम्मीद जतायी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में देश भर में जातीय आधारित जनगणना कराने और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की केंद्र सरकार से मांग की. साथ ही राज्य में लागू आरक्षण के नये कानून को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया. उन्होंने इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से देश भर में जातीय आधारित जनगणना कराने और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के बारे में पहल करने की उम्मीद जतायी. बैठक का आयोजन पटना के 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय के ”संवाद” में किया गया था. इसकी मेजबानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की और उन्होंने आगंतुकों का स्वागत किया. इस दौरान बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मंत्री और वरीय अधिकारी बैठक में शामिल हुये.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक में कहा है कि हम वर्ष 2010 से ही बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहे हैं. बिहार बहुत ही ऐतिहासिक राज्य है, लगातार विकास के बाद भी बिहार विकास के मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है. बिहार, विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तों को पूरा करता है. अब तो जाति आधारित गणना में गरीबी अ पिछड़ेपन के आंकड़े भी इसका समर्थन करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने के बारे में आप जरूर सोचेंगे.
केंद्र सरकार कराये जाति आधारित जनगणना
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते थे कि केंद्र सरकार जातीय आधार पर जनगणना कराये. इसके लिए हमलोग शुरू से ही प्रयासरत थे. इसके लिए वर्ष 2019 एवं 2020 में बिहार विधानमंडल में सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना के लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा. फिर हम सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. केंद्र सरकार द्वारा इस पर कोई विचार नहीं किया गया. राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करा ली है और इसके आंकड़ों को जारी किया गया.
ये रहे मौजूद
बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, पश्चिम बंगाल की मंत्री चन्द्रमा भट्टाचार्य, उड़ीसा के मंत्री प्रदीप कुमार आम्त, उड़ीसा के मंत्री तुषार कान्ति बेहरा, झारखंड के मंत्री रामेश्वर उरांव, झारखंड के मंत्री चम्पई सोरेन, केंद्र सरकार के सचिव, चारों राज्यों के मुख्य सचिव, बिहार के पुलिस महानिदेशक, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की सचिव और केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.