मुज़फ़्फ़रपुर. बिहार सरकार के राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने बीते दिनों बड़े पैमाने पर विभागीय अधिकारियों का तबादला किया गया था. इस तबादले की पूरी प्रक्रिया पर सीएमओ की ओर से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. यह दूसरा ऐसा मामला है जब विभागीय तबादले पर सीएमओ ने रोक लगायी है.
सीएमओ के इस कदम से मंत्री रामसूरत राय बेहद खफा हैं. मीडिया की ओर पूछे गये सवालों पर उन्होंने कहा कि अपने समझ से तबादला किया हूं, अब मुख्यमंत्री हमारे मुखिया हैं, उनका विषेशाधिकार है. हम सभी को माननीय मुख्यमंत्री के निर्णय को मानना है, लेकिन आगे से जैसे हम जनता दरबार लगाते थे, लोगों के बीच जाते थे, अब नहीं जायेंगे. जनता को जहां जाना है जाये.
मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि अब विभाग चलाना बेवकूफी है. मंत्री ने विधायकों को भी कह दिया है कि अगर काम कराना है तो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जायें. उन्होंने कहा कि मैं मंत्री रहने के लिए लालायित नहीं हूं. मैं 20 महीने से मंत्री हूं और 20 दिन भी अपने घर का काम नहीं किया है. जब विभाग के अंदर मंत्री को स्वतंत्र अधिकार नहीं मिल सकता तो विभाग चलाना बेवकूफी है.
राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि हमारे विभाग में भू-माफिया पूरी तरह हावी हैं, जिसका मैंने कमर तोड़ा है. वही माफिया मेरा विरोध कर रहे हैं. मैंने तो माफियाओं की नकेल कस दी है. इसलिए ही इतनी बेचैनी हो रही है. उन सबकी साजिश है कि किसी तरह से ऊपर तक बात पहुंचाया जाये. राय ने कहा कि राजनीतिक किसी की पैतृक संपत्ति नहीं है, अगर कोई मंत्री बनना चाहते हैं तो आकर विभाग को चलायें, हमें कोई आपत्ति नहीं है.
30 जून की रात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 149 सीओ, 27 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और दो चकबंदी पदाधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया था. मुख्यमंत्री ने इस तबादले पर रोक लगाते हुए इसकी समीक्षा के आदेश दिये थे. आरोप है कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर पैसे का खेल हुआ.
सीओ के लिए तीन साल का कार्यकाल तय है, लेकिन समय से पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया. ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर जातिवाद होने का भी आरोप लगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय पहले से ही विवादों में रहे हैं. पिछले साल भी उनके विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग पर गंभीर सवाल उठे थे, लेकिन इस बार सीधे मुख्यमंत्री ने दखल दिया.