बिहार में नहीं शुरू हो सकेगा कोयले का खनन, चार कोल माइंस में एजेंसियों ने नहीं ली रुचि, जानें पूरी बात
मंदार पर्वत कोल माइंस में कोयले का भंडार करीब 340.35 मिलियन टन है. मगर निलामी में किसी ने टेंडर नहीं डाला. इससे बिहार में अभी कोयले का खनन शुरू नहीं हो सका.
बिहार के पीरपैंती-कहलगांव-महगामा तीनों के सीमावर्ती क्षेत्र के चार कोल माइंस मंदार पर्वत, मिरजा गांव नार्थ व साउथ समेत लक्ष्मीपुर नार्थ के लिए कार्य एजेंसियों ने रूची नहीं ली. इस कारण मिनिस्ट्री ऑफ कोल की ओर से टेंडर रद्द कर दी गयी है. वहीं, अब जल्द ही इसका रि-टेंडर जारी किया जायेगा. इससे पहले भी जब कार्य एजेंसियों ने रूची नहीं ली थी, तो टेंडर अवधि में विस्तार कर टेक्निकल बिड खोलने की तिथि 28 जून निर्धारित की गयी थी. टेंडर खुला मगर, उक्त जगहों के लिए किसी भी एजेंसी ने टेंडर नहीं डाला. अगर इसका टेंडर किसी की ने डाला होता, तो टेक्निकल बिड का मूल्यांकन 30 जून से होता और एजेंसी चयनित करने का रास्ता साफ हो जाता. क्योंकि, सफल एजेंसियों का फाइनेंसियल बिड खोलने की तिथि 24 जुलाई निर्धारित की गयी थी और सफल एजेंसी को प्राधिकरण द्वारा 11 अगस्त को नामित करने का फैसला लिया गया था. एजेंसी चयन प्रक्रिया में अब देरी होगी. इससे पहले तीन बार टेंडर रद्द हो चुका है.
340.35 मिलियन टन भंडार फिर भी लीज लेने कोई नहीं आ रहा आगे
मंदार पर्वत कोल माइंस में कोयले का भंडार करीब 340.35 मिलियन टन है. यह 78 से 90 मीटर के बेस में है और उसके ऊपर मिट्टी की मोटी परत है. इसे 10 सीमांत में बांटा है. इतने बड़े कोयले के भंडारण रहने के बावजूद खदान लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.
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जो खदान लेगा, उन्हें हर साल 17.5 मिलियन टन खनन की मिलेगी अनुमति
जिन्हें भी कोल माइंस का लीज मिलेगा, उन्हें हर साल 17.5 मिलियन टन काेयला खनन करने की अनुमति मिलेगी. जमीन के अंदर मिलने वाले कोयले के भंडार से हर साल उत्खनन कर सकेगा. 90 मीटरी के बेस से हर साल 17.5 मिलियन टन कोयला का उत्खनन होगा. भागलपुर व बांका के खान व भूतत्व विभाग के जिला खनिज विकास पदाधिकारी कुमार रंजन ने बताया कि कोल माइंस का टेंडर कोल मिनिस्ट्री से हो रहा है. टेंडर की अवधि में विस्तार किया गया था. रिवाइज्ड टाइमलाइन पर टेक्निकल बिड खोला गया, लेकिन किसी एजेंसी ने भाग नहीं लिया. अब इसका फिर से रिवाइज्ड टाइमलाइन जारी होगा.