राजेश कुमार ओझा
कांग्रेस बिहार में भी राहुल गांधी की पदयात्रा की तरह भारत जोड़ो यात्रा (Bihar Congress Bharat Jodo Yatra) शुरु कर रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस यात्रा पर कांग्रेस से ज्यादा उसके सहयोगी पार्टी की नजर है. कहा जा रहा है कि पार्टी इस यात्रा के बहाने बिहार में अपनी जमीन तैयार करने का प्रयास करेगी. यही कारण है कि करीब 30 साल बाद कांग्रेस की ओर से अपने दम पर शुरू किए गए इस यात्रा से कांग्रेस काफी खुश हैं. बिहार में 55 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा में एक लाख से अधिक लोग शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है.
कांग्रेस अपनी इस यात्रा के बहाने बिहार के तमाम नेता-कार्यकर्ताओं के अलावा राज्य के नागरिक, सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि, डाक्टर, अधिवक्ता, विद्यार्थी, आमजन को यात्रा में शामिल करेंगे. कांग्रेस का प्रयास है कि इन सभी को पार्टी अपने झंडे के तले कुछ दूर ही सही कदम से कदम मिलाकर चले. महीने भर चलने वाली इस यात्रा जैसे -जैसे आगे बढ़ेगी इसमें और लोगों को जोड़ा जाए. यात्रा जिस जिले से निकलेगी उस जिला के नेता इसकी रुप रेखा तैयार कर इसे सफल बनाने का प्रयास करेंगे.
पार्टी के एक सीनियर नेता का कहना है कि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ पार्टी के लिए भी यह यात्रा किसी अग्नि पथ से कम नहीं है. क्योंकि इस यात्रा से पार्टी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का आला कमान के सामने कद तय होगा. करीब 30 सालों तक कांग्रेस की कमान जिस किसी को मिला वो लालू प्रसाद की कृपा पर ही पार्टी को चलाने का प्रयास किया. अखिलेश प्रसाद सिंह भी लालू प्रसाद के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वो बिहार में कांग्रेस को मजबूती प्रदान करते हैं या फिर पूर्व के पार्टी अध्यक्ष की तरह पार्टी को लालू प्रसाद की बी टीम बनाकर अपना कार्यकाल पूरा करते हैं.