बिहार कांग्रेस ने सांसद दयानिधि मारन को भेजा लीगल नोटिस, विवादित बयान पर माफी नहीं मांगा तो दर्ज होगा केस!
बिहार कांग्रेस की ओर से तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके के सांसद दयानिधि मारन को उनके विवादित बयान को लेकर लीगल नोटिस भेज दिया गया है. सांसद को 15 दिनों की मोहलत दी गयी है और माफी नहीं मांगने पर केस दर्ज करने की चेतावनी दी है.
Bihar Politics: तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रमुक के सांसद दयानिधि मारन के द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों पर महीनों पहले की गयी कथित टिप्पणी के वायरल वीडियो पर रविवार को भी जुबानी जंग जारी रही. दयानिधि मारन के बयान के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. विभिन्न नेताओं ने बयान की निंदा की है. सत्ताधारी पार्टियों ने भी डीएमके नेता के इस बयान की निंदा की है. बिहार कांग्रेस की ओर से डीएमके सांसद मारन को लीगल नोटिस भेजा गया है. सांसद को विवादित बयान के लिए माफी मांगने कहा गया है. वहीं ऐसा नहीं करने पर केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी गयी है. उधर, एनडीए ने द्रमुक नेता के बयान के खिलाफ बिहार में मोर्चा खोल दिया है. भाजपा की ओर से चेतावनी दी गयी है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने दयानिधि मारन को माफी मांगने की सलाह दी है. वहीं ऐसा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है. जबकि इस पूरे प्रकरण पर अब डीएमके की ओर से भी सफाई दी गयी है.
कांग्रेस ने डीएमके सांसद को भेजा लीगल नोटिस
बिहार कांग्रेस की ओर से डीएमके नेता दयानिधि मारन को उनके विवादित बयान के लिए लीगल नोटिस भेज दिया गया है. कांग्रेस की ओर से डॉ चंद्रिका यादव ने ये नोटिस भेजा है. मारन को माफी मांगने की नसीहत दी गयी है. वहीं 15 दिनों के अंदर माफी नहीं मांगने पर केस दर्ज करने की बात कही गयी है. इसकी पुष्टि कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने की है.
डीएमके ने बचाव में क्या कहा.
डीएमके ने सांसद मारन के वायरल हो रहे वीडियो को पुराना बताते हुए कहा कि भाजपा भ्रम फैला रही है. इस मामले में द्रमुक के प्रवक्ता जे कॉन्स्टैंडिन रवींद्रन ने भाजपा पदाधिकारियों की निंदा करते हुए कहा कि वे जानबूझकर झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि द्रमुक एक समतावादी समाज के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. तमिलनाडु जैसा कोई खास राज्य श्रेष्ठ नहीं है. उत्तर प्रदेश या बिहार जैसा कोई अन्य राज्य कमतर नहीं है. भाजपा के लोगों की दुर्भावना स्पष्ट है, क्योंकि वे कुछ ऐसा दावा कर रहे हैं जो दयानिधि मारन ने कभी नहीं कहा या इसका मतलब यह नहीं था. उन्होंने कहा कि मारन के भाषण का सार किसी व्यक्ति के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में है, जब वह मातृभाषा के अलावा अंग्रेजी भाषा भी अच्छी तरह से सीखता है. रवींद्रन ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के लिए करियर के अवसर न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी अधिक हैं और मारन की महीनों पहले की गई टिप्पणी का सार यही है.
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डीएमके सांसद का विवादित बयान..
बता दें कि डीएमके सांसद मारन की विवादित टिप्पणी वाला वीडियो तेजी से वायरल हुआ है. वीडियो क्लिप में मारन ने कथित तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में जिन लोगों ने केवल हिंदी सीखी, वे तमिल सीखने के बाद तमिलनाडु में घरों के निर्माण का काम करते हैं, सड़कें और शौचालय साफ करते हैं. अगर हिंदी सीखी जाए तो यही स्थिति होती है.वहीं इस वीडियो ने बिहार-यूपी का सियासी पारा चढ़ा दिया. बिहार के सियासी दलों के नेताओं के बयान इस प्रकरण में सामने आए.
तेजस्वी यादव ने दी नसीहत
रविवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी राजद की तरह, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक भी ऐसी पार्टी है, जो सामाजिक न्याय में विश्वास करती है और ऐसी पार्टी के नेता के लिए इस तरह की टिप्पणी करना अशोभनीय है. तेजस्वी ने कहा कि हम द्रमुक को एक ऐसी पार्टी के रूप में देखते हैं जो सामाजिक न्याय के हमारे आदर्श में यकीन करती है. इसके नेताओं को ऐसी बातें कहने से बचना चाहिए जो इस आदर्श के विपरीत हों.तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के लोगों की बाहर काफी डिमांड रहती है. अगर ये बाहर नहीं जाएं तो दूसरे राज्यों के लोगों का जीवन ठप्प हो जाएगा.
द्रमुक को गठबंधन से बाहर करायें लालू-नीतीश: सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों में यदि साहस है, तो वे सनातन धर्म, राष्ट्रभाषा हिंदी और बिहार के मेहनती लोगों के विरुद्ध घोर अपमान का भाव रखने वाले द्रमुक को इंडी गठबंधन से बाहर करें. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के निर्माण उद्योग में लगे बिहार के हजारों लोगों को टायलेट (साफइकर्मी) बताने वाला द्रमुक नेता दयानिधि मारन का बयान आपत्तिजनक और निंदनीय है.
मोहब्बत की दुकान में नफरत का माल: सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि समाज में भाषा और प्रांत के आधार पर नफरत फैलाने वाले ऐसे बयान पर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को चुप रहने के बजाय मुख्यमंत्री स्टालिन से बात कर द्रमुक पर दबाव बढाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कांग्रेस उस द्रमुक के साथ सत्ता में है, जिसने वहां राहुल गांधी की (मोहब्बत की दुकान) में बिहारियों और उत्तर भारतीय लोगों के लिए नफरत का माल भर दिया है. तीन हिंदी भाषी प्रदेशों में भाजपा की विजय और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भारत को उत्तर-दक्षिण में बांटने की राजनीति को सुनियोजित ढंग से हवा दी जा रही है. मारन का बयान उसी राजनीति का हिस्सा है.
माफी मांगें दयानिधि, नहीं तो भाजपा करेगी आंदोलन : सम्राट
इसी बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि दयानिधि ने बिहारियों को अपमानित करने के लिए ऐसा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर दयानिधि मारन अपने इस कृत्य के लिए माफी नहीं मांगते हैं तो भाजपा आंदोलन करेगी.
नीतीश-लालू मारन को इंडी गठबंधन से बाहर करवाएं: पशुपति पारस
रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने डीएमके के सांसद दयानिधि मारन का बिहारियों पर दिए गए आपत्तिजनक बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि डीएमके के सांसद का बयान निंदनीय और शर्मनाक.उन्हें इसके लिये माफी मांगना चाहिये. मंत्री पारस ने कहा कि डीएमके,इंडी गठबंधन का सदस्य है. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को मारन को गठबंधन से बाहर करवाना चाहिये.
बिहारियों का अपमान नहीं करेंगे बर्दाश्त: चिराग
लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि बिहार के लोगों के बारे में डीएमके सांसद दयानिधि मारन का बयान निंदनीय है. बिहारियों का अपमान है कतई कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.वहीं,चिराग ने इस बयान के बहाने जदयू और राजद को घेरा. और सवालिय लहजे में पूछा कि जदयू और राजद के नेता बताएं क्या आप मारन के बयान से सहमत है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या इसमें भी आपका मौन समर्थन है ?