बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह दिल्ली रवाना, विधान परिषद में सीट नहीं मिलने से नाराज हैं पार्टी नेता
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह को दिल्ली तलब किया गया है. जहां पार्टी के आलकमान के साथ उनकी बैठक होगी. विधान परिषद में एक भी सीट नहीं मिलने के बाद उन्हें दिल्ली बुलाया गया है.
बिहार में विधान परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर नाराजगी देखी जा रही है. 17 विधायकों का साथ होने के बावजूद राजद और वाम दलों ने मिलकर विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस को किनारे कर दिया. इस बीच बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को दिल्ली बुलाया गया, जहां आज शनिवार को एक अहम बैठक होने वाली है. इसके लिए अखिलेश सिंह पटना से रवाना हो चुके हैं.
कांग्रेस के अंदर नाराजगी
दरअसल, 11 सीटों के लिए विधान परिषद का द्विवार्षिक चुनाव कराया जा रहा है. जिसमें एक सीट कांग्रेस की भी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा का कार्यकाल मई के पहले सप्ताह में समाप्त हो रहा है. लेकिन महागठबंधन के पांच उम्मीदवारों में से कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं लगने की वजह से पार्टी के अंदर नाराजगी है. लिहाजा अखिलेश प्रसाद सिंह को दिल्ली तलब किया गया है. जहां कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान पहले से ही मौजूद हैं.
राज्यसभा की एक सीट लेकर कांग्रेस को विधान परिषद में देनी पड़ी कुर्बानी
राज्यसभा की तीन सीटे महागठबंधन के कोटे में आयी थी, जिसमें से एक सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी. इस सीट की कुर्बानी विधान परिषद में कांग्रेस के देनी पड़ी. यह कांग्रेस के लिए संकट के दौर से कम नहीं है. वह एक संकट से उबरती है तो सामने खाई का दरवाजा खुला मिलता है. लोकसभा चुनाव के इस मौसम में पहले बजट सत्र के दौरान पार्टी के दो विधायकों ने पाला बदल लिया. रही सही कसर अब विधान परिषद की एक सीट से भी उसको हाथ धोना पड़ा है. कांग्रेस-जनों के मनोबल पर इसका प्रभाव स्वाभाविक रूप से दिखने लगा है. पार्टी नेताओं में आक्रोश है पर अभी कोई मुंह नहीं खोल रहा है.
कांग्रेस ने 2020 में जीती थी 19 सीटें
विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस को 19 सीटों पर सफलता मिली थी. उनमें से दो विधायकों (मुरारी प्रसाद गौतम और सिद्धार्थ सौरव) भाजपा के पाले में चले गये. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से कांग्रेस दल बदल कानून के तहत उन विधायकों की सदस्यता रद करने का आग्रह किया है. इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.
विधान परिषद में अभी कांग्रेस के चार सदस्य हैं. इनमें से प्रेमचंद मिश्रा का कार्यकाल छह मई को पूरा हो रहा है. पार्टी के अंदरखाने में चर्चा है कि विधान परिषद में एक सीट नहीं दिये जाने का मुख्य कारण राज्यसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अखिलेश प्रसाद सिंह को लगातार दूसरा अवसर दिया जाना है. राज्यसभा चुनाव के लिए बिहार में कांग्रेस के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं थी. उसे वाम दलों से सहयोग लेना पड़ा था. विधान परिषद में वह उपकार चुकता करना पड़ा है.
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