Bihar Constable Exam Cancelled: बिहार पुलिस सिपाही बहाली परीक्षा को रद्द कर दिया गया. कई एग्जाम सेंटरों पर लापरवाही सामने आने के बाद ये फैसला लिया गया. इओयू पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. 1 अक्टूबर को आयोजित की गयी परीक्षा को अब रद्द कर दिया गया है. बता दें कि अलग-अलग जिलों में 60 से अधिक केस दर्ज किए गए थे. कई सेटरों को गिरफ्तार भी किया गया है. वहीं धांधली के प्रयास में लगे सेटरों की खोज भी जारी है.
बता दें कि 1 अक्टूबर को बिहार सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा के दौरान नकल करने और कराने के आरोप में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी की गयी. भभुआ के भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल संजय कुमार समेत करीब दर्जन भर अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था. यहां एक कोचिंग संचालक की खोज में पुलिस लगी है जिसने छात्रों को प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने के नाम पर पैसे लिए. आरा में जैमर लगाने वाली कंपनी का एक कर्मी, कई अभ्यर्थी सहित 80 से अधिक लोग गिरफ्तार किये गया था. सबसे अधिक आरा से 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. भागलपुर से सॉल्वर समेत 12 लोगों की गिरफ्तारी की गयी. आरा, छपरा, नवादा, अरवल, मुंगेर , कैमूर , पटना आदि से भी गिरफ्तारी की गयी थी.
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रविवार को हुई पहले चरण की लिखित परीक्षा के दौरान पटना के राम कृष्ण द्वारिका (आरकेडी) कॉलेज से जिन छह अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था उनके पास से प्रश्नों के लिखित आंसर मिले थे. जब उन आंसरों को प्रश्नों से मिलाया गया, तो लगभग सभी प्रश्नों के आंसर मिल गये थे. इस परीक्षा में धांधली की जांच इओयू अब कर रही है. वहीं इस बीच अब बड़ी जानकारी सामने आयी है कि बिहार सिपाही बहाली परीक्षा रद्द कर दी गयी. अन्य सभी पालियों की परीक्षाएं भी फिलहाल स्थगित रहेंगी, ऐसी सूचना है.
बता दें कि बिहार पुलिस सिपाही बहाली परीक्षा में धांधली के लिए अलग-अलग जिलों में सॉल्वर गैंग सक्रिय थे. पुलिस ने परीक्षा से पहले ही कई जिलों में सेटरों को गिरफ्तार किया था. सहरसा, बेगूसराय, सारण में कार्रवाई की गयी थी. समस्तीपुर और जमुइ में भी गिरफ्तारी की गयी थी. इनके पास से वॉकी-टॉकी व एंटी जैमर डिवाइस समेत कई यंत्र बरामद किए गए थे. पुलिस ने पूछताछ में अहम खुलासे किए थे. पूरे गैंग की सक्रियता सामने आयी थी. वहीं परीक्षा के दौरान अलग-अलग सेंटरों से ताबड़तोड़ गिरफ्तारी की गयी थी. भभुआ में प्रिंसिपल ही गिरोह में शामिल मिले. जिसकी गिरफ्तारी की गयी. वहीं परीक्षा से पहले ही प्रश्न-पत्र वायरल होने की खबर जंगल में आग की तरह दौड़ी. इस मामले की जांच अभी इओयू कर रही है.