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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा: माफिया व अभ्यर्थी के बीच बातचीत का ऑडियो आया सामने, क्या सेंटर किया गया मैनेज?

बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के पेपर लीक व धांधली मामले में जांच के दौरान माफिया व अभ्यर्थी के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है. परीक्षा माफियाओं ने अभ्यर्थियों को विशेष पेन व 33 गोला रंगने का निर्देश था. जानिए क्या हुई है बातचीत..

बिहार सिपाही बहाली परीक्षा का पेपर लीक कराने और धांधली में लिप्त लोगों की धरपकड़ तेज है. करीब 150 से अधिक लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं अब एक बड़ा खुलासा जांच के दौरान हुआ है. परीक्षा माफियाओं ने अपने अभ्यर्थियों को विशेष पेन दिया था और मात्र 33 गोला ही रंगने का निर्देश दिया था. पुलिस को शक है कि संभवत: सेंटर मैनेज होने के कारण ऐसा करने को कहा गया था, ताकि वहां वीक्षक के रूप में मौजूद शिक्षक के बीच अपने अभ्यर्थी होने की पहचान हो सके. साथ ही गोलों को मिटा कर शिक्षक द्वारा ही नया आंसर भरवाया जा सके. इसका खुलासा दो ऑडियो से हुआ है. यह ऑडियो औरंगाबाद के परीक्षा माफिया रंजीत कुमार व एक अभ्यर्थी के अभिभावक के बीच का है.

अलग-अलग राज्यों से जुड़ रहे तार..

दरअसल, कंकड़बाग थाने की पुलिस ने रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से छह अभ्यर्थियों को आंसर के साथ पकड़ा था. इसके बाद अभ्यर्थी मनु उर्फ मोनू व रजनीश के मोबाइल के आधार पर जांच शुरू की, तो मोनू के बहनोई व सिपाही कमलेश को गिरफ्तार किया गया. यह जानकारी मिली कि सेटर नालंदा का है. रजनीश के मोबाइल से जानकारी मिली कि उसे दरभंगा से आंसर भेजा गया था. एक अन्य के मोबाइल से गया से आंसर भेजने की जानकारी हाथ लगी है. इससे स्पष्ट है कि अलग-अलग गिरोह काम कर रहे थे. ये नालंदा, दरभंगा व गया के हैं. पुलिस कुछ दिनों पहले पत्रकार नगर थाना इलाके के भाभा कालोनी से गिरफ्तार परीक्षा माफियाओं के संबंध में भी जानकारी ले रही है.

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ऑडियो में क्या है?

ऑडियो में परीक्षा माफिया रंजीत अभिभावक को यह समझा रहा है कि उसके ऊपर भी एक व्यक्ति है, जिसका नाम श्रीकांत है. साथ ही सेटिंग कराने के लिए रकम की भी डीलिंग कर रहा है. रंजीत बता रहा है कि पहले एक लाख रुपया देना है और काम पूरा होने के बाद 8.50 लाख देना है. साथ ही मैट्रिक व इंटर का मूल प्रमाणपत्र भी जमा करना है. प्रभात खबर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. लेकिन अगर यह ऑडियो सही है, तो फिर यह परीक्षा माफियाओं की सेटिंग का बिल्कुल नया तरीका है. इससे पहले विशेष पेन का इस्तेमाल नहीं किया गया है. एक अक्टूबर को कई अभ्यर्थियों के पास आंसर पहुंच गये और फिर परीक्षा को रद्द कर दिया गया

इओयू, पुलिस मुख्यालय और जिला पुलिस की संयुक्त टीम कर रही पेपर लीक मामले की जांच

बिहार में 21391 सिपाही की बहाली को लेकर हो रही लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस मुख्यालय, आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) और जिला पुलिस की संयुक्त जांच तेज हो गयी है. अब तक लीक प्रश्न पत्र के आधार पर आंसर की तैयार करने वाले कई परीक्षा माफियाओं को अलग-अलग जिलों गिरफ्तार किया गया है. साथ ही उनसे जुड़े परीक्षार्थियों की भी पड़ताल हो रही है. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि इओयू की विशेष जांच इकाई (एसआइटी) लगातार मामले की जांच में जुटी है. जल्द ही इसका खुलासा होने की संभावना है. इओयू अधिकारियों के अनुसार एसआइटी में इओयू के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय के तेजतर्रार अधिकारियाें को रखा गया है. इओयू की चार-पांच अलग-अलग टीम स्थानीय जिला पुलिस की मदद से विभिन्न केसों की पड़ताल कर रही है. जिन-जिन जिलों में पेपर लीक या आंसर-की बाहर आने के मामले दर्जकिए गए हैं, उन जिलों की पुलिस भी अपने स्तर से जांच और कार्रवाई कर रही है.

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