बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा: कोचिंग संचालक- प्रिंसिपल तक गिरोह में शामिल, धांधली में जुटे सेटरों की खोज तेज

बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली की फिराक में लगे सेटरों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं गिरफ्तार छात्रों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. इस गिरोह में कोचिंग संचालक से लेकर प्रिंसिपल तक शामिल मिले हैं. इनकी गिरफ्तारी भी की गयी है. वहीं पुलिस कई लोगों की तलाश भी कर रही है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 3, 2023 1:31 PM

Bihar Sipahi Exam: बिहार में सिपाही बहाली परीक्षा रविवार को आयोजित की गयी. इस परीक्षा में धांधली कराने की तैयारी बड़े स्तर पर पहले से की गयी थी. लेकिन एक के बाद एक करके सॉल्वर गिरोह के मंसूबे कई जगहों पर ध्वस्त किए गए. परीक्षा की तिथि से एक सप्ताह पहले लगातार सॉल्वर गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ शुरू हो गयी थी. कई जिलों से गिरोह के सदस्य पकड़े गए. इनके पास से परीक्षा में धांधली कराने के उद्देश्य से जुटाए कई यंत्र भी जब्त किए गए थे. वॉकी-टॉकी, ब्लूटूथ और एंटी जैमर डिवाइस तक भारी मात्रा में बरामद किए गए. वहीं परीक्षा के दौरान कई सेंटरों पर कार्रवाई की गयी थी और अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी की गयी. कई सेटर पकड़े गए. 60 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं और अब इस मामले में इओयू ने अपनी जांच शुरू कर दी है. भागलपुर में स्कॉलर समेत 11 परीक्षार्थी धराए थे. तो पटना में एक दर्जन गिरफ्तारी की गयी थी. कैमूर में एक प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की गयी जब पता चला कि गिरोह के साथ मिलकर प्रिंसिपल ही धांधली करवा रहे हैं. वहीं अब इस धंधे से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी के लिए पुलिस सक्रिय हो गयी है. जिलों में इन लोगों की खोज की जा रही है.


भागलपुर में ब्लूटूथ डिवाइस देने वाला गिरफ्तार, सेटरों की तलाश जारी..

भागलपुर में सिपाही भर्ती परीक्षा में कदाचार करते हुए गिरफ्तार हुए 11 परीक्षार्थियों के मोबाइल और बरामद हुए ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से भागलपुर पुलिस सेटरों की तलाश करने में जुट गयी है. हालांकि, सोमवार को एक सेटर को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है. जोगसर और खरीक पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर खरीक हटिया निवासी गोपाल यादव के पुत्र अमित यादव को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस से जानकारी मिली है कि खरीक बाजार के फकरूद्दीन राइन के पुत्र मो आफताब आलम को 20 हजार रुपये में ब्लूटूथ डिवाइस उपलब्ध कराया था. परीक्षा के क्रम में ही मो आफताब को गिरफ्तार कर लिया था जबकि आफताब की निशानदेही पर पुलिस ने अमित को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया.आफताब ने पुलिस को जानकारी दी है कि अमित उसके लॉज में आया और परीक्षा में नकल के लिए ब्लूटूथ उपलब्ध कराया.

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किसने आंसर की किया वायरल, खोज में जुटी पुलिस

मालूम हो कि परीक्षा केंद्रों पर चार परीक्षार्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस के साथ पकड़ा गया था. अन्य परीक्षार्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस कहां से मिली, पुलिस इसका भी पता लगा रही है. संभावना है कि पुलिस इस मामले में और लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है. इधर, जानकारी मिली है कि आंसर की वायरल होने के मामले में पुलिस दूसरे जिलों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर रही है. कहा जा रहा है कि पूरे बिहार में एक ही आंसर की वायरल हुआ था. उक्त आंसर की का स्रोत क्या था, पुलिस इसका भी पता लगा रही है. जानकारी मिली है कि पुलिस कई लोगों के मोबाइल से आने जाने वाले कॉल पर भी नजर रख रही है.

पटना में कॉलेज हॉस्टल से गिरफ्तारी, साथी की खोज जारी..

पटना में भी सिपाही भर्ती की परीक्षा में धांधली कराने का प्रयास करने वालों के खिलाफ छापेमारी जारी है. पुलिस ने बीएस काॅलेज हाॅस्टल के कमरे में छापेमारी की और सॉल्वर गैंग के एक सदस्य को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ गिरफ्तार किया है. थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने बताया कि गिरफ्तार युवक के पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व अभ्यर्थियों का मूल प्रमाणपत्र बरामद हुआ है. गिरफ्तार युवक रणधीर कुमार दोखारा है जो सिंगोडी का रहने वाला है. वो अपने एक दोस्त रमेश कुमार उर्फ अनुराग मिल्की (दुल्हिनबाजार) के साथ मिलकर परीक्षा में सेटिंग करता था. रमेश की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

कैमूर में प्रिंसिपल गैंग के साथ मिलकर करा रहा था धांधली, गिरफ्तार

कैमूर में भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज के प्राचार्य व केंद्र अधीक्षक संजय कुमार सिंह के अलावा छह परीक्षार्थी एवं चार परीक्षा केंद्र के बाहर से नकल करने वाले लोगों को पकड़ा है. इस मामले में पुलिस ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. कैमूर के डीएम और एसपी को सूचना मिली थी कि भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज के प्राचार्य संजय कुमार नकल करने वाले गिरोह के साथ मिलकर सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल कर रहे हैं. इस सूचना पर डीएम की ओर से भभुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में एक धावा दल का गठन किया और भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज पर छापेमारी करने के लिए पहुंच गये. धावा दल के साथ-साथ डीएम और एसपी भी मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां पहुंच गये थे. उन्होंने जब प्राचार्य संजय कुमार के मोबाइल को लेकर उसकी जांच शुरू की, तो उसमें तीन परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड मिला.जैसे-जैसे परीक्षार्थी पकड़े जा रहे थे, इस गिरोह में शामिल परीक्षार्थी व अन्य लोगों का नाम पुलिस के सामने आ रहा था.

भभुआ में कोचिंग संचालक की खोज जारी, पूरे नेटवर्क का किया जा रहा पता..

भभुआ में परीक्षा केंद्र के पास से पकड़े गये धनोज राम ने मोहनिया थाना क्षेत्र के भुंडी टेकारी गांव के रहने वाले कोचिंग संचालक कमलेश कुमार का नाम बताया है. जिसने परीक्षा से पहले प्रश्नों की आंसर शीट कई छात्रों को उपलब्ध करायी. प्रत्येक छात्र से ऑनलाइन 22-22 हजार रुपए लिये. उसके संभावित ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. अभी तक की जांच में यह पता चला है कि परीक्षा से पहले आंसर शीट पैसा लेकर कमलेश ने ही परीक्षार्थियों को उपलब्ध करायी थी. कमलेश को सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कहां से मिला या फिर आंसर शीट उसके पास कहां से आयी, यह उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा. हालांकि, पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कमलेश ने कितने परीक्षार्थियों को पैसा लेकर इस तरह से आंसर सीट उपलब्ध करायी थी. पुलिस पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए लगातार काम कर रही है.

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