Bihar Corona News: बिहार में डाक से भेजी जायेगी होमआइसोलेशन के मरीजों को दवा, जानें क्या है प्लानिंग
Bihar Corona News देश भर में कोरोना की नयी लहर के देखते हुए भारत सरकार ने होम कोरेनटाइन की नयी गाइडलाइन जारी की है. अब होमआइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को 7 दिन तक ही घर में रहना है. इसके बाद उनको जांच कराने की आवश्यकता नहीं है.
Bihar Corona News Updates देश भर में कोरोना की नयी लहर के देखते हुए भारत सरकार ने होम कोरेनटाइन की नयी गाइडलाइन जारी की है. अब होमआइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को 7 दिन तक ही घर में रहना है. इसके बाद उनको जांच कराने की आवश्यकता नहीं है. होम आइसोलेशन में रहनेवाले माइल्ड और एसिम्टोमेटिक संक्रमितों के ठीक होने का औसत तीन से पांच दिन है.
बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं आता है तो वह अपने को स्वस्थ घोषित कर सकते हैं. उनको अपनी आरटीपीसाआर जांच कराने की आवश्यकता भी नहीं है. वहीं, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेश संजय कुमार सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन में भर्ती 98 प्रतिशत मरीजों को डाक विभाग के माध्यम से दवाओं की किट भेजी जायेगी.
संजय कुमार ने बताया कि होमआइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों में कुछ का पता और मोबाइल नंबर करने में कठिनाई हो रही है. कोविन पोर्टल को फिर से सार्वजनिक किया जायेगा. राज्य में फिलहाल 12 हजार ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं. साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 455 आइसीयू बेड उपलब्ध हैं. सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के बेड को ऑक्सीजन से जोड़ दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में कोरोना के कुल 1659 नये संक्रमित पाये गये है. अब राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 3881 हो गयी है. राज्य में सिर्फ 63 मरीज भर्ती हैं, जबकि 98 प्रतिशत मरीज होमआइसोलेशन में ट्रीटेमेंट करा रहे हैं.
Also Read: Bihar Corona News: बिहार में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, समाज सुधार अभियान और जनता दरबार स्थगित
उन्होंने बताया कि किशोर व किशोरियों को मिशन मोड में टीकाकरण किया जायेगा. अभी तक राज्य के साढ़े चार लाख किशोर व किशोरियों को टीकाकरण किया जा चुका है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि दुनिया में बच्चों में सबसे कम संक्रमण पाया गया है. यहीं कारण है कि सबसे बाद में 15-18 वर्ष वालों का टीकाकरण आरंभ किया गया.