Bihar Corona Test: कोरोना जांच (Covid Test in Bihar) में गड़बड़ी की एक खबर को लेकर बिहार से दिल्ली (Bihar Politics) तक राजनीति गरमा गयी है. इस कथित फर्जीवाड़े का मामला शुक्रवार को राज्यसभा (Rajya sabha) में उठाया गया. लालू यादव की पार्टी राजद (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने राज्यसभा में इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में कहा कि एक अंग्रेजी अखबार में बिहार में कोविड-19 टेस्टिंग के साथ जो खिलवाड़ हुआ है वह बात सामने आई है. सातवें दिन आंकड़ा एक लाख हो गया. 14 वें दिन दो लाख हो गया अब सब चीजें सामने आ रही हैं. कई ब्लैंक कॉलम्स है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
वहीं इस मांग पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जी इसकी जांच से ही मालूम पड़ेगा. यह जांच का विषय है. इधर, तेजस्वी यादव भी इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा कि मैंने पहले ही बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी की थी. जब भी हमने घोटाले का आंकड़ा सार्वजनिक किया, तो सरकार ने पूरी तरह नकार दिया. यही नहीं अधिकारी बदल कर सात दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हजार से एक लाख और 25 दिनों में दो लाख पार करा दिया.
तेजस्वी ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि बिहार की सरकार के बस में होता, तो कोरोना काल में और भी कई माध्यमों से कमाई कर लेती. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी दावों के उलट कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं. तेजस्वी ने दावा किया कि सरकार को जब भी जमीनी सच्चाई बतायी, उन्होंने अहंकार पूर्वक उसकी अनदेखी की. फिलहाल टेस्टिंग के झूठे दावों के पीछे का असली खेल अब सामने आया है कि, फर्जी टेस्ट दिखा कर अरबों रुपयों का बंदरबांट कर दिया गया.
बता दें कि बिहार सरकार पर कोरोना काल में फर्जी नाम और नम्बर दर्ज कर कोविड टेस्ट की संख्या बढ़ाने का आरोप लगा है. एक अंग्रेजी अखबार द्वारा छापी गई खबरों पर संज्ञान लेते हुए मंगल पांडे ने कहा कि जो भी खबरें छप रही हैं, उसके हर बिंदु की जांच का आदेश दे दिया गया है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Posted By: Utpal kant