पटना. राज्य में 24 घंटों में 472 नये कोरोना संक्रमित पाये गये. इस दौरान एक मरीज की मौत हो गयी. पटना जिले में सबसे अधिक 159 नये कोरोना संक्रमित पाये गये. इसके अलावा भागलपुर में 44, अररिया में 27, मुजफ्फरपुर में 25, पूर्णिया में 19, गया में 18, मधुबनी व सुपौल में 17-17, सहरसा में 15, मुंगेर में 11, किशनगंज में 11 नये कोरोना संक्रमित पाये गये है. अन्य राज्य के नौ लोग भी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. नये संक्रमितों के पाये जाने के बाद राज्य में एक्टिव केस की संख्या 2327 हो गयी है. इधर संक्रमण को लेकर राज्य में एक लाख 21 हजार 551 सैंपलों की जांच की गयी.
पटना जिले में गुरुवार को 159 नये कोरोना संक्रमित मिले. ये सभी 47 मुहल्लों में पाये गये हैं. इनमें 16 ऐसे हैं, जो बाहर से पटना आये थे. नये संक्रमितों में 54 पुरुष व बाकी महिलाएं व बच्चेशामिल हैं. इनमें 16 बच्चे व किशोर हैं, जिनकी उम्र 12 साल से 18 साल के बीच है. वहीं, 24 घंटे में 26 मरीजों ने कोरोना को मात दी. इसके साथ ही जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या घट कर 1095 हो गयी है. हालांकि, अधिकतर होम आइसोलेशन में हैं. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स और तीन प्राइवेट अस्पतालों में कुल 34 मरीज कोविड वार्ड में भर्ती हैं.
शहर के पीएमसीएच अस्पताल में डिलिवरी के बाद एक महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. घटना गुरुवार की सुबह स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की है. मृत महिला का नाम पूजा कुमारी है, जो नालंदा जिले की रहने वाली है. वहीं, पति रविशंकर गिरि ने बताया कि पटना के ग्रामीण इलाके से अपनी पत्नी की डिलिवरी कराने अस्पताल पहुंचे थे. एक सप्ताह पूर्व डॉक्टरों ने भर्ती कर ऑपरेशन किया था. लेकिन ऑपरेशन के बाद हालत खराब हो गयी और वेंटिलेटर पर रखा गया.
पति की मानें, तो अस्पताल का वेंटिलेटर सही से काम नहीं कर रहा था. इससे पूजा की हालत और खराब हो गयी. बेहतर इलाज के लिए पास के ही एक निजी अस्पताल में लेकर गये, लेकिन वहां रुपये अधिक लगने की वजह से मंगलवार को पुन: पीएमसीएच लेकर आये. उस समय वेंटिलेटर सही हो गया था, लेकिन सही से इलाज नहीं होने की वजह से मौत हो गयी. परिजनों की मानें, तो महिला डॉक्टर ने जो दवा लाने के लिए पर्ची पर लिखी थी वह दवा भी मार्केट में नहीं मिली. दूसरी ओर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइस ठाकुर ने बताया कि इस घटना की जानकारी नहीं है. अगर मरीज लिखित में शिकायत करता है, तो मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.