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बिहार में कोरोना का कहर, गया मेडिकल कॉलेज में स्थिति भयावह, 12 घंटे में 11 की मौत, कई की हालात खराब

बिहार में कोरोना के कहर से त्राहिमाम की स्थिति है. गया के मगध मेडिकल अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या के साथ मौत का भी आंकड़ा बढ़ते जा रहा है. प्रमंडलीय अस्पताल होने के कारण यहां प्रमंडल के जिलों के साथ झारखंड के सीमावर्ती इलाकों से भी यहां मरीज भर्ती होते हैं. शनिवार की रात से रविवार की दोपहर एक बजे तक इलाज के दौरान 11 मरीजों की मौत हो गयी.

बिहार में कोरोना के कहर से त्राहिमाम की स्थिति है. गया के मगध मेडिकल अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या के साथ मौत का भी आंकड़ा बढ़ते जा रहा है. प्रमंडलीय अस्पताल होने के कारण यहां प्रमंडल के जिलों के साथ झारखंड के सीमावर्ती इलाकों से भी यहां मरीज भर्ती होते हैं. शनिवार की रात से रविवार की दोपहर एक बजे तक इलाज के दौरान 11 मरीजों की मौत हो गयी.

कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ एनके पासवान ने बताया कि मरनेवालों में जहानाबाद के एक, औरंगाबाद महिला व पुरुष एक-एक, अरवल के एक, एरकी, बेलागंज, चंदौती, कोतवाली रोड, नूतन नगर, मानपुर व शहर के एक मुहल्ले के एक-एक मरीज शामिल हैं. सभी का इलाज संक्रमित वार्ड में चल रहा था. इनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी. उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रहा है.

मरीजों के बेहतर इलाज के लिए लगातार चिकित्सक लगे हुए हैं. मरीज की हालत बहुत अधिक खराब होने के बाद ही लोग यहां लेकर पहुंच रहे हैं. नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की ही मौत हो रही है. अस्पताल में दवा व अन्य संसाधन की कोई कमी नहीं है. गौरतलब है कि शनिवार को चार संक्रमित व एक अज्ञात की मौत हो चुकी है.

श्मशान घाट पर लोगों को नहीं हो रही परेशानी

कोविड संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल से मर्चरी वान में पैकिंग कर शव को विष्णुपद स्थित श्मशानघाट लाया जा रहा है. कोरोना के दौरान मौत का आंकड़ा बढ़ने के बाद श्मशान घाट पर भी शव आने का आंकड़ा बढ़ गया है. कोरोना संक्रमित शवों को एक किनारे जलाया जा रहा है. एक शव की चिता शांत भी नहीं होती, मर्चरी वैन दूसरे शव लेकर पहुंच जा रहे हैं. कई शव के पीछे परिजन जरूर आ रहे हैं. लेकिन, कई शवों के अंतिम संस्कार के समय परिजन पास में नहीं जा रहे हैं.

श्मशान घाट के डोम राजा का कर्मचारी ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं. डोम राजा का एक कर्मचारी ने बताया कि शव अगर कोई गहना पहने हुए है, तो उसे उतरवाने के लिए उन्हें मृतक के परिजन कुछ पैसे देते हैं. गहना उतार कर देने के बाद उसे सीधे पैकेट में रख ले रहे हैं. लेकिन, कई परिजन अंतिम संस्कार के दौरान चिता के पास तक नहीं आते. ऐसे यहां अंतिम संस्कार में किसी तरह की परेशानी का सामना लोगों को नहीं करना पड़ रहा है.

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Posted By: utpal Kant

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