विधवा भाभी से देवर ने की शादी, सात फेरे के अगले दिन ही हो गयी मौत, बड़े भाई का निधन भी कोरोना काल में
Bihar Corona Update: पिछले साल कोरोना काल में भाई की मौत के बाद विधवा भाभी को सहारा देने के लिए भाभी के साथ शादी की. अगले ही दिन उसकी तबीयत बिगड़ी और अनुमंडल अस्पताल कहलगांव ले जाया गया जहां से हालत की गंभीरता को देखते हुए उसे भागलपुर रेफर कर दिया.
पिछले साल कोरोना काल में भाई की मौत के बाद विधवा भाभी को सहारा देने के लिए भाभी के साथ शादी की. अगले ही दिन उसकी तबीयत बिगड़ी और अनुमंडल अस्पताल कहलगांव ले जाया गया जहां से हालत की गंभीरता को देखते हुए उसे भागलपुर रेफर कर दिया. भागलपुर जाने के दौरान लैलख में ही उसने दम तोड़ दिया.
यह कहानी है भागलपुर जिले के नंदलालपुर के धीरज चौधरी की. धीरज अपने बैच का एसएसवी कॉलेज का बीएससी गणित में कॉलेज टॉपर रहा है. वर्तमान में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहा था. उसने बीएड भी कर रखा था. घर में गांव के बच्चों को बुलाकर उसे गणित पढ़ाता था.
उसके साथियों ने बताया कि शादी के चार दिन पूर्व ही उसकी तबीयत खराब थी. बुखार सर्दी भी थी. शादी के कारण उसने ध्यान नहीं दिया. शादी के बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गयी. हालांकि वह थाईराईड और कॉलेस्ट्रॉल से ग्रसित था. लोगों को आशंका है कि वह कोरोना संक्रमित हो गया था. जिस कारण उसकी मौत हुई है. हालांकि उसने जांच नहीं कराया था.
Bhagalpur News: भागलपुर में महीनों खड़ा रहा 20 कोच का आइसोलेशन वार्ड
कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए रेलवे ने लाखों रुपये खर्च कर 20 कोच का आइसोलेशन वार्ड तैयार करवाया, जो प्लेटफॉर्म पर महीनों खड़ा रहा और उसका उपयोग नहीं हो सका, तो वापस कर दिया गया. उक्त कोच का इस्तेमाल ट्रेनों के परिचालन में होने लगा. भागलपुर में कोरोना के विकराल रूप धारण करने से मायागंज अस्पताल में बेड कम, हालत बेकाबू हो गया है.
कोरोना मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को देख वैसे निजी अस्पताल जहां आइसीयू व ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध है, उसे कोविड-19 मरीजों के लिए डेडिकेटेड करने की आवश्यकता पड़ गयी है. अगर, 20 कोच का तैयार आइसोलेशन वार्ड रहता, तो संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी कुछ हद तक दूर होती. पूरी बोगी आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर उसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी थी.
Also Read: बिहार में कोरोना से त्राहिमाम: ‘ पांच ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ 5 बाउंसर, समझें हालत कितने संगीन हैं’
Posted By: Utpal Kant