बिहार में कोरोना का खतरा हर दिन बढ़ रहा है. बुधवार को 4786 नए मामले आए हैं. पटना में सबसे अधिक कहर है जहां एक दिन में सर्वाधिक 1483 नए मामले आए हैं. बिहार के एक दर्जन जिलों में तेजी से संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है. कोरोना की दूसरी लहर में मौत और संक्रमण के आंकड़े हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. बिहार में में नेता, मंत्री, आईएएस और जज कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. ना केवल आम लोग बल्कि कई सारे खास भी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं.
समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी व मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह भी कोरोना संक्रमित हो गये हैं. दोनों फिलहाल होम कोरेंटिन हैं. जानकारी के मुताबिक मंत्री कुछ दिन पहले विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उसके बाद से वह कोरोना संक्रमित हैं. हालांकि, उनका स्वास्थ्य सामान्य है. वहीं, मुख्य सचिव दो दिन पहले ही कोरोना जांच करायी थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है.
इधर, गुरुवार को पता चला कि राजस्व एंव भूमि सुधार विभाग में सचिव कंचन कपूर सहित कई पॉजिटिव हैं. दो दिन के लिए विभागीय सचिवालय बंद कर दिया गया है. वहीं समान्य प्रशासन विभाग में 31 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. वित्त विभाग में भी संक्रमितों की संख्या करीब-करीब दो दर्जन पहुंच गई है. राज्य के टॉप अधिकारियों के टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सरकार के शीर्ष गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है.
बिहार के दो सीनियर आईएएस अधिकारी बुधवार को भी संक्रमित पाए गए थे. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है.आईपीएस अधिकारी बलराम चौधरी की टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है.
बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद स्थिति डरावनी होती जा रही है. भाजपा कार्यालय खुला हुआ है. लेकिन, गेट पर मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी कार्यालय आने के लिए मना किया गया है. राजधानी पटना में राजद कार्यालय के बाद जदयू कार्यालय को भी बंद कर दिया गया है.कोविड संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर का नेचर सफारी बंद कर दिया गया है. अगले आदेश तक ब्रह्म कुंड भी बंद रहेगा. तकनीकी खराबी के कारण रोपवे पहले से ही बंद है.
बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में बढ़ोतरी के साथ ही रिकवरी रेट में लगातार गिरावट आ रही है. स्थिति यह है कि 14 अप्रैल को रिकवरी रेट गिरकर 91.40% पर आ गया, जो एक अप्रैल को 98.69% था. इस तरह 14 दिनों में रिकवरी रेट 7.29% कम हुआ है. वहीं, दूसरी ओर राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या में प्रतिदिन तेजी से वृद्धि हो रही है. एक्टिव मरीजों की संख्या एक अप्रैल को सिर्फ 1907 थी, जो 14 अप्रैल को बढ़ कर 23,724 हो गयी.
यानी 14 दिनों में एक्टिव मरीजों की संख्या में 12 गुने से अधिक वृद्धि हुई है. इसका नतीजा है कि अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं और बेड की उपलब्धता में लगातार कमी आ रही है. वहीं, जांच सेंटरों पर कोरोना जांच करानेवालों की लंबी कतार दिख रही है. इसके अलावा जिन लगों को आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल सरकारी अस्पतालों में दिये गये हैं, उनकी रिपोर्ट मिलने में छह से आठ दिनों का भी समय लग रहा है. बिहार में कोरोना का खतरा हर दिन बढ़ने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
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Posted By: Utpal kant