श्याम कुमार : बिहार में कोरोनावायरस का कहर अब गांवों में भी शुरू हो गया है. राज्य के ग्रामीण इलाके के पंचायतो में चल रहे उप स्वास्थ्य केंद्र के हालात बेहद दयनीय है. खस्ताहाल इमारतों ,भवन के अभाव व डॉक्टरो और फार्मासिस्टो की भारी कमी से जूझ रहे उपस्वास्थ्य केंद्रों में तैनात स्टॉफ की कमी के कारण एक डॉक्टर से दो से लेकर तीन केंद्रों में सेवाएं देने के लिये मजबूर है.
कोरोना संक्रमण के कारण मुजफ्फरपुर के मनियारी प्रखंड के 14 पंचायत के 80 से ज्यादा गांवों में जांच व इनके आभाव में अबतक 100 से ज्यादा मौते हो चुकी है. वहीं सैकड़ो बीमार होकर अपने घर मे गांव के ही डॉक्टर से इलाज करवा रहे है. मोहम्मदपुर मोबारक मुखिया प्रतिनिधि संजय पासवान ने बताया पंचायत के पुरुषोत्तमपुर गांव में लगभग तीन हजार के आबादी में 70 प्रतिशत लोग संक्रमण के लक्षण से बीमार है.
बीते बुधवार को गांव के ही पशु चिकित्सक बीरेंद्र कुमार सिंहा उर्फ मंटू सिंह की मौत हुई है.वही 20 दिन के अंदर आठ दिनों के अंतराल मे जय प्रकाश सिंह पति पत्नी की मौत हो गयी है. माधोपुर सुस्ता उमेश राज, कमलपुरा राकेश कुमार साहनी, सोनबरसा दिलीप कुमार ठाकुर सहित दर्जनों समाजसेवी ने बताया कि बीते बीस दिनों में गांव स्थित श्मशान घाट पर रोजाना दर्जन भर से ज्यादा शवो को लोग दाह संस्कार करते नजर आ रहे है
श्राद्ध भोज बना मौत कारण- ग्रामीणों का कहना है संक्रमण की भयावहता के कारण गांव में लोग प्रवेश नही कर रहे है. गांव की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे है और नही कोरोना जांच करवा रहे हैं. चोरी छिपे घर से बाहर निकलकर निजी डॉक्टर से दवा लेकर घरो में दुबक रहे है. लोगो ने संक्रमण बढने का कारण गांव में ही कोरोना पॉजिटिव के घर आयोजित भोज बता रहे है. मुखिया ने बताया पुरूषोत्तमपुर गांव में कोरोना के लक्षण से 16 से अधिक लोगों की आकस्मिक मौत हो चुकी है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra