मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये दिये जा रहे हैं. सभी डीएम को निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण से जिनकी मौत हुई है, उसकी पूरी जानकारी एकत्र करें और उनके परिजनों को अनुग्रह राशि उपलब्ध करायें. उन्होंने कहा कि चलंत टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गयी है. इससे प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार जांच होगी. इस जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में लोगों को मिल जायेगी. मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन समूह की बैठक की.
इस दौरान कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और लॉकडाउन की अवधि विस्तार पर निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रतिदिन की जानकारी लेते हैं और उसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिये जाते हैं. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के आधार पर 26 मई से 1 जून तक लॉकडाउन का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है.
इच्छुक लोगों को दिलाया जा रहा रोजगार :- मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सामूहिक किचेन के माध्यम से सभी जरूरतमंद लोगों को दोनों समय भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रत्येक प्रखंड में सामुदायिक किचेन की शुरुआत की गयी है. लॉकडाउन के दौरान इच्छुक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. सभी जिलों के प्रभारी मंत्री कोरोना संक्रमण की स्थिति एवं उसके बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की लगातार जानकारी ले रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग को उसका फीडबैक दे रहे हैं, जिसके आधार पर भी विभाग हर जरूरी कदम उठा रहा है.
रोजाना जांच की संख्या करना है, एक लाख 50 हजार :- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन औसत करीब एक लाख 27 हजार जांच की जा रही है. कोरोना संक्रमण जांच की संख्या को ज्यादा बढ़ाना है, इसे प्रति एक लाख 50 हजार से अधिक तक ले जाना है. उन्होंने कहा कि मार्च महीने में 10 लाख की आबादी पर देश में प्रतिदिन जितनी औसतन जांच हो रही थी, उसकी तुलना में बिहार में 14 हजार जांच अधिक हो रही थी. उन्होंने कहा कि सभी लोगों के टीकाकरण के लिए हमलोग सतत प्रयत्नशील है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra