बिहार के 7 मेडिकल कॉलेजों को बनाया गया कोविड डेडीकेटेड अस्पताल, प्राइवेट अस्पतालों में बेड बढ़ाने पर विचार
Bihar Coronavirus Update: बिहार के सात मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को कोविड के इलाज के लिए डेडीकेटेड अस्पताल बनाया गया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया है. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में मधुबनी मेडिकल कॉलेज से 100 अतिरिक्त बेड पर कोविड इलाज की बात हुई है.
बिहार के सात मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को कोविड के इलाज के लिए डेडीकेटेड अस्पताल बनाया गया है. इसमें नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल,पटना, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, भागलपुर, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया पहले से ही कोविड डेडीकेटेड अस्पताल घोषित थे.
इसके अलावा आइजीआइएमएस,पटना, विम्स, पावापुरी, जीएमसी बेतिया और जेकेटीएमसीएच, मधेपुरा को भी पूरी तरह से कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बना दिया गया है. अब यहां के शत प्रतिशत बेडों पर कोविड मरीजों का इलाज होगा.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया है. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में मधुबनी मेडिकल कॉलेज से 100 अतिरिक्त बेड पर कोविड इलाज की बात हुई है. इसी प्रकार तुर्की मेडिकल कॉलेज अस्पाल के सभी बेड पर कोविड का इलाज किया जायेगा. इसके अलावा किशनगंज, कटिहार और सासाराम मेडिकल कॉलेज अस्पतालं में भी कोविड का इलाज किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि पटना में राजेंद्रनगर अस्पताल में 115 बेड का अस्पताल चालू कर दिया गया है. पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कंप्लेक्स में 100 बेड का कोविड अस्पताल सोमवार से चालू कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि जयप्रभा मेदांता अस्पताल का निरीक्षण किया है जहां पर अगले आठ दिनों के बाद मरीजों की भर्ती आरंभ हो जायेगी. इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिला के पताही में 250 बेड का कोविड अस्पताल तैयार किया गया है ज 15 दिनों के अंदर चालू हो जायेगा.
पीएमसीएच में 48 घंटे में 16 मरीजों की मौत
पटना जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं. खासकर शहर के एम्स, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस व पीएमसीएच में भर्ती मरीजों की संख्या में जहां रोजाना इजाफा हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर कई गंभीर मरीज भी मर रहे हैं. पीएमसीएच में शनिवार व रविवार यानी 48 घंटे के अंदर 16 मरीजों की मौत हुई. इसमें शनिवार को सात और रविवार को नौ मरीजों की मौत हुई है, जबकि दो दिन के अंदर 17 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है.
Posted By: Utpal Kant