पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि साठ साल से ज्यादा उम्र के वरीय डॉक्टर कोरोना की जांच टीम से अपने को बाहर रखने के लिये स्वयं हाई कोर्ट में याचिका दायर करें. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह और न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने कोरोना की जांच के लिये गठित मेडिकल जांच व चिकित्सा करने वाले जगहों पर 60 वर्ष की उम्र से अधिक के डॉक्टरों को तैनात नहीं करने के लिये दायर एक छात्र की याचिका को निष्पादित करते हुए उक्त बातें कही.
वरिष्ठ डॉक्टरों को खुद से याचिका दायर करनी चाहिए:
कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में तैनाती से प्रभावित होने वाले वरिष्ठ डॉक्टर को खुद से व्यक्तिगत तौर पर छूट के लिये याचिका दायर करनी चाहिए.कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 60 वर्ष से ऊपर के डॉक्टरों को वरिष्ठ नागरिक होने के नाते कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. यहाँ तक कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना के संकट की इस घड़ी में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति अपनी चिंता प्रकट की है.
याचिकाकर्ता ने वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए मनपसंद जगह पर तैनात करने की भी मांग अपनी याचिका में कही थी.हाई कोर्ट ने इस मामले को व्यापक जनहित में सुनने से इनकार कर दिया.