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Bihar police की अनोखी कहानी, 40 दिनों के अंदर एक ही आरोपित पर आधा दर्जन केस दर्ज किए, जानें क्या है मामला

Bihar crime: भागलपुर में नाथनगर पुलिस का अनोखा कारनामा सामने आया है. दरअसल, यहां के थानेदार साहेब ने 40 दिनों के अंदर एक ही आरोपित पर आधा दर्जन केस दर्ज किये. अब इस मामले में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जांच की जिम्मेदारी भागलपुर एसएसपी को दी गयी है.

भागलपुर, अंकित आनंद: सिल्क व्यवसायी अफजाल अंसारी हत्याकांड की गुत्थी भले ही पुलिस ने सुलझा दी हो पर हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. अफजाल हत्याकांड में लगने वाले आरोपों ने नाथनगर पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है. वहीं, एक अन्य मामले में भी वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा दिये गये जांच के आदेशों की वजह से नाथनगर थाना के कार्यों पर सवाल उठने लगा है.

थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई लगभग तय

नाथनगर थाना में दर्ज कुछ कांडों को जब पत्र के माध्यम से रन्नुचक के जनप्रतिनिधियों ने भागलपुर से लेकर पटना तक शिकायत की तो पुलिस मुख्यालय की ओर से मामले में जांच के आदेश दिये गये. अब नाथनगर थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है. हालांकि मामले में भागलपुर पुलिस के अधिकारियों ने जांच जारी रहने की बात कही है.

थानाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप

मामला नाथनगर थाना क्षेत्र के रन्नुचक गांव का है, जहां एक पक्ष की ओर से गांव के जनप्रतिनिधि हैं तो दूसरी तरफ ईंट भट्टा संचालक हैं. गांव की मुखिया अनिता देवी और उप प्रमुख सविता देवी द्वारा पिछले दिनों मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पंचायती राज मंत्री, भागलपुर-बांका के विधान पार्षद सहित पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को पत्र लिख कर नाथनगर थानाध्यक्ष और नाथनगर थाना के दफादार बबलू झा पर इलाके के ईंट भट्टा संचालकों के साथ सांठ गांठ होने और उनका पक्ष लेकर एकतरफा कार्रवाई करते हुए 40 दिनों के भीतर जनप्रतिनिधियों के पतियों के विरुद्ध अलग अलग लोगों के माध्यम से 40 दिनों के भीतर छह मुकदमे दर्ज करने की शिकायत की थी.

उक्त मामले में सीएम कार्यालय से पुलिस मुख्यालय को जांच का निर्देश दिया गया है. इसके आधार पर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने भागलपुर रेंज डीआइजी को पत्र लिख कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिये निर्देशित किया. अब रेंज डीआइजी ने भागलपुर एसएसपी को पत्र लिख कर मामले की जांच करने और तीन सप्ताह के भीतर इसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है.

क्या है मामला?

नाथनगर थाना क्षेत्र के रन्नुचक गांव में वहां की मुखिया, उप प्रमुख सहित उनके समर्थकों और वहां के स्थानीय ईंट भट्टा संचालकों के बीच पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा है. ईंट भट्टा संचालकों द्वारा मामले में जनप्रतिनिधियों के पति, रिश्तेदारों और उनके समर्थकों के विरुद्ध कई प्राथमिकी भी नाथनगर थाना में दर्ज करायी गयी है. वहीं जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का आरोप है कि इलाके में धड़ल्ले से अवैध रूप से ईंट भट्टा का संचालन किया जाता है. इसकी वजह से फैले प्रदूषण से किसानों के फसल व बगीचे बर्बाद हो रहे हैं. मंदिरों में आने जाने वाले श्रद्धालुओं का धूल फांकना पड़ता है. आंगनबाड़ी और स्कूल के बच्चे-बच्चियां बीमार पड़ रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इसी मामले में कुछ दिन पहले हुई शिकायत के बाद जिला प्रशासन की ओर से दिन में ईंट लदी गाड़ियों के परिचालन पर गांव में पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

पटना के बड़े अधिकारी के नजदीकी बताये जाते हैं थानेदार

अफजाल हत्याकांड में लगे आरोपों के साथ साथ अब ईंट भट्टा संचालकों के साथ सांठ-गांठ के आरोपों के अलावा भी कई मामलों में नाथनगर थानाध्यक्ष पर कई तरह के आरोप लगे. पर उनके विरुद्ध आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक की समय अवधि पूर्ण होने के बाद भी नाथनगर थानेदार इंस्पेक्टर सज्जाद हुसैन अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं. स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि पटना सचिवालय में बैठे एक बड़े आइएएस अधिकारी का हाथ उनके सिर पर है.

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