भागलपुर: जोगसर थाना क्षेत्र के बूढ़ानाथ रोड स्थित एक निजी कोचिंग के सामने चीनी कारोबारी भानु जैन के सात लाख रुपये लेकर जा रहे उनके दो स्टाफ से अपराधियों ने पैसों से भरा बैग लूट लिया था. घटना की जांच के दौरान सुनील पाठक गिरोह द्वारा घटना को अंजाम दिये जाने की बात सामने आयी. इसके बाद पुलिस ने लूटकांड की घटना में घटनास्थल पर मौजूद सुनील पाठक गिरोह के विकास शर्मा उर्फ विक्की शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. मामले में पुलिस ने लूटी गयी रकम में से 52 हजार रुपये, घटना में प्रयुक्त बाइक और मोबाइल सहित विकास का एक अन्य स्मार्ट फोन और आधार कार्ड बरामद किया. घटना के बाद अब पुलिस कांड के मुख्य अभियुक्त सुनील पाठक और सरफराज नामक अपराधियों की तलाश कर रही है.
लूटकांड मामले में हुई गिरफ्तारी को लेकर रविवार को सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात ने जोगसर थाना परिसर में ही प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने ऊपर ग्वाल टोली निवासी विकास शर्मा उर्फ विक्की शर्मा की गिरफ्तारी की पुष्टि की. और विकास के पास से लूटी गयी रकम में से 52 हजार रुपये सहित घटना में प्रयुक्त बाइक और मोबाइल सहित विकास की मोबाइल और आधार कार्ड बरामदगी की विस्तृत जानकारी दी. सिटी एसपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद लूटकांड के अभियुक्त एक जगह एकत्रित हुए और आपस में पैसों को बांट लिया था. विकास ने पूछताछ के दौरान उसके साथ शामिल अन्य दो साथियों के नाम का खुलासा किया है. साथ ही विकास ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी पुलिस को दी है.
गिरफ्तार विकास ने पुलिस को बताया कि वह केवल घटना में शामिल एक अन्य अभियुक्त के संपर्क में था. जबकि घटना को अंजाम देने वाला और साजिश रचने वाला एक अभियुक्त लगातार लाइनर के संपर्क में था. पुलिस ने घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों के नाम का खुलासा करने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद ही उनके नाम और लाइनर के नाम का खुलासा किया जायेगा. सिटी एसपी ने बताया कि लूटकांड के उद्भेदन के लिए गठित टीम का नेतृत्व एएसपी सिटी शुभम आर्य कर रहे थे. टीम में जोगसर थानाध्यक्ष एसआइ अजय कुमार अजनबी, सबौर थानाध्यक्ष एसआइ पवन कुमार सिंह, तिलकामांझी थानाध्यक्ष एसआइ राज रतन, तातारपुर थानाध्यक्ष एसआइ सुनील कुमार झा सहित तकनीकी सेल और सीआइएटी टीम शामिल थी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना के दौरान बाइक पर सवार तीन अपराधियों में से एक सुनील पाठक खुद था. वहीं सुनील पाठक और उसके साथी सरफराज ने मिल कर ही लूट की योजना बनायी थी. सरफराज ने ही विकास शर्मा को लूट को अंजाम देने के लिए टीम में शामिल किया था. सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि लूट के पैसों का अधिकांश रकम सुनील पाठक अपने पास रखा है. इधर पुलिस लगातार सुनील पाठक की तलाश में छापेमारी कर रही है.
सूजागंज स्थित मुख्य बाजार के कुछ कारोबारियों के मुताबिक शातिर सुनील पाठक जेल से बाहर आने के बाद रंगदारी के धंधे में लग गया था. वह मुख्य बाजार के कारोबारियों से रंगदारी वसूलता था. और जो भी कारोबारी उसे रंगदारी देने से मना करते थे उनके पैसों को लूटने की भी धमकी देता था. कारोबारियों ने आशंका जतायी है कि रंगदारी नहीं देने की वजह से ही सुनील पाठक ने चीनी कारोबारी के पैसों को लूट लिया.
घटना की जांच में शामिल टीम के सदस्यों ने बताया कि पूरी घटना का खुलासा अभी नहीं हुआ है. मामले में लूटकांड में घटनास्थल पर मौजूद अभियुक्तों की पहचान तो हो गयी है. पर अभी तक लूटकांड के लाइनर की पहचान नहीं हो सकी है. लूट में शामिल अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद ही लाइनरों के नाम का खुलासा हो सकेगा. वहीं अभी तक मामले में चीनी कारोबारी के दो स्टाफ बबलू और दीपक जिनसे लूट हुई थी वे लोग संदेह के घेरे में हैं.