Bihar crime: मुंगेर में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुई गोलीबारी, दो लोग गंभीर रूप से हुए घायल

सफियाबाद थाना क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुई गोलीबारी में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को स्थानीय लोगों ने सदर अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को पटना रेफर कर दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2022 11:05 AM

सफियाबाद थाना क्षेत्र के हेरू दियारा मे सोमवार की अहले सुबह दो पक्षों के बीच गोलीबारी हुई. इस घटना में दोनों पक्षों से एक-एक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद पटना रेफर कर दिया गया है.

क्या है मामला ?

मिली जानकारी के अनुसार हेरू दियारा में शिवदानी और जितेंद्र यादव के बीच 15 कट्टा जमीन को लेकर पूर्व से विवाद चल रहा था. शिवदान ने जितेंद्र यादव की मां से किसी कार्य को लेकर कर्जा लिया था और कर्जा नहीं चुका पाने की नौबत में जितेंद्र के द्वारा शिवदनी पर उसके पैतृक जमीन को देने का दबाव बना रहा था. इस बात को ले कई बार मामला थाना स्तर तक भी गया. इसी विवाद को लेकर शिवदनी और जितेंद्र के बीच सुबह में फिर नोक झोंक शुरू हो गया जो देखते देखते मारपीट का रूप ले लिया और दोनो ही पक्षों ने आक्रोश में आकर एक-दूसरे पर गोलियां दाग दी.

एक के गले में तो, दूसरे के सिर में लगी गोली

इस वारदात में एक पक्ष से शिवदनी के सिर में गोली लग गई, तो वहीं दूसरे पक्ष के जितेंद्र यादव को गले पर गोली लग गई. जिससे दोनो बुरी तरह से घायल हो गए. स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में दोनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से बेहतर इलाज के लिए दोनों को पटना रेफर कर दिया गया.

जांच पड़ताल में जुटी पुलिस

इधर, मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी. पुलिस दोनो ही पक्ष के लोगों से पूछताछ कर रही है. फिलहाल पुलिस वारदात में प्रयोग किये गए हथियार को बरामद करने की कोशिशें कर रही है. बता दें कि हेरु दियारा सूदखोरी का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है. दबंग परिवार के लोग गरीब परिवार के लोगों को मोटे ब्याज पर कर्ज देते हैं. इसके बाद पैसे नहीं देने की स्थिति में कर्ज मूल्य से अधिक के जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर लेतें है. ऐसे कई मामले थाना तक पहुंचते तो हैं, लेकिन वे जांच के अभाव में सरकारी फाइलों में ही दम तोड़ देती है.

Next Article

Exit mobile version