अररिया में बीते दिनों सामने आए जीएनएम हत्याकांड में अब नया मोड़ सामने आ गया है. दरअसल, इस मामले को लेकर मृतक एनएम के पिता वीरेंद्र कुमार साह ने नगर थाना क्षेत्र के गैयारी वार्ड संख्या-11 निवासी दामाद मो. अली हसन पिता मो. मुस्ताक पर हत्या का आरोप लगाया है. हालांकि, उनके द्वारा लगाये गये आरोप के बाद आरोपी मो. अली हसन का कहीं अन्यत्र स्थान पर ऑपरेशन करता हुए एक तस्वीर भी वायरल हुआ है.
जीएनएम के पिता वीरेंद्र कुमार साह ने बताया कि निभा की नियुक्ती 2016 में जीएनएम के पद पर हुई थी. वीरेंद्र कुमार साह ने कहा कि मेरे दामाद मो. अली हसन ने पहले मेरे मेरे बेटी को प्रेम जाल में फांस कर उसका शारीरिक शोषण किया. बाद में जब मामला तूल पकड़ने लगा तो आरोपी मो. अली हसन ने मेरी बेटी से विवाह तो कर लिया, लेकिन वह हमेशा मेरी बेटी को मारने की सोच रहा था. अंतत: सिटी अस्पताल में आरोपी मो अली हसन ने खुद से ऑपरेशन कर व गलत ब्लड चढ़ाकर मेरी बेटी की हत्या एक सोची समझी साजिश के तहत कर दी.
इस मामले को लकेर जीएनएम के पिता भागलपुर थाना क्षेत्र के असरगंज मिल्की टोला निवासी वीरेंद्र कुमार साह पिता स्व महेंद्र प्रसाद साह ने अररिया नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. बता दें कि शुक्रवार की अल सुबह सदर अस्पताल में जीएनएम के पद पर 2016 से कार्यरत निभा की मौत एक बच्ची के जन्म के बाद सिटी अस्पताल में हो गयी थी. इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब जीएनएम के पिता वीरेंद्र कुमार साह ने नगर थाना क्षेत्र के गैयारी वार्ड संख्या 11 निवासी दामाद मो अली हसन पिता मो मुस्ताक पर हत्या का आरोप लगाया.
दर्ज प्राथमिकी में जीएनएम के पिता ने कहा है कि उनकी बेटी निभा का वर्ष 2016 में सदर अस्पताल में जीएनएम के पद पर नियुक्ति हुई थी. वह अच्छे से रह रही थी. स्वास्थ्य विभाग में बिचौलिये का काम कर रहे मो. अली ने मेरी बेटी को प्रेम जाल में फंसा कर शारीरिक शोषण करने लगा. वर्ष 2018 में कोर्ट मैरिज कर धर्म परिवर्तन भी करा लिया. उसके ढाई वर्ष की एक बेटी भी हुई. इस समय पुनः वह गर्भवती हुई. जिसे उसके पति सहित ससुराल वाले ने शहर के ज़ीरोमाइल स्थित सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. निभा के पिता ने आरोप लगाते कहा कि अली ने ही खुद वहां ऑपेरशन किया व गलत ब्लड भी चढ़ाया. जब स्थिति नाजुक हो गयी तो अस्पताल द्वारा उसे रात करीब 11 बजे रेफर कर दिया गया.
दरअसल, अररिया सदर अस्पताल में कार्यरत जीएनएम निभा कुमारी की संदिग्ध हालत में निजी अस्पताल में मौत हो गयी थी. इसको लेकर परिजनों ने उनके पति पर हत्या करने का आरोप लगाया है. परिजनों ने उनके पति और ससुराल वालों पर हमेशा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. आरोपी पति अली घटना के बाद से ही फरार बताया जाता है.
दरअसल, निभा कुमारी जीएनएम के रूप में 8 सितंबर 2016 को सदर अस्पताल में नियुक्ति हुई थी. सदर अस्पताल में एक निजी तौर पर ड्रेसर अली काम करता था. निभा और अली की नजदीकी बढ़ती चली गयी. दोनों एक दूसरे से अलग-अलग समुदाय के थे. इससे दोनों के घरवाले शादी के लिए राजी नहीं थे. घरवालों के विरोध के बावजूद दोनों ने शादी कर ली थी.