जमुई सदर थाना क्षेत्र में मंगलवार को फिल्मी स्टाइल में अपहरण देखने को मिला. कुछ युवकों ने मिलकर किराना दुकान चलाने वाले एक युवक का अपहरण कर लिया और उसे लेकर कार में घूमते रहे. हालांकि मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुछ घंटों बाद ही अपहृत युवक को बरामद कर लिया.पुलिस सभी अपहर्ताओं को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है.
मामला सदर थाना क्षेत्र के सिरचंद नवादा का है. मिली जानकारी के अनुसार शंभू पंडित के 22 वर्षीय पुत्र रविंद्र कुमार का कुछ अपहर्ताओं ने मंगलवार सुबह अपहरण कर लिया. इसको लेकर रविंद्र की मां परमेश्वरी देवी ने पुलिस को सूचना दी. उन्होंने बताया कि सुबह 5:00 बजे अपराधियों ने फोन कर उनके बेटे को बुलाया और उसे उठाकर लेते चले गये. अपराधियों ने रविंद्र के परिजनों से ढाई लाख रुपये की फिरौती की मांग की. करीब 11 बजे रविंद्र के मोबाइल नंबर से ही फोन कर तीन हजार रुपये फोन पे पर मंगवाया.
मामले में तकनीकी जांच की गयी व पुलिस ने कार का पीछा कर अपहर्ताओं को पकड़ लिया. और अपहृत रविंद्र कुमार को मुक्त करा लिया. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने जिन अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान सदर थाना क्षेत्र के भजौर निवासी निशांत कुमार सिंह पिता सुभाष सिंह, मनीष कुमार सिंह पिता डब्बू सिंह, महिसौड़ी निवासी प्रिंस कुमार पिता अलख निरंजन सिंह, गादी बुकार निवासी राजकमल सिंह पिता राजकिशोर सिंह तथा एलआइसी ऑफिस निवासी अभिनव कुमार पिता राजीव कुमार सिंह के रूप में की गयी है. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस दौरान एक कार भी जब्त की है, जबकि सभी अपहर्ताओं के पास से पांच मोबाइल फोन भी जब्त किये गये हैं. गिरफ्तार अपहर्ताओं से पुलिस पूछताछ कर रही है.
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अपराधियों के चंगुल से मक्त कराये गये युवक रविंद्र कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अपहर्ताओं में से एक युवक ने सुबह 5:00 बजे मुझे फोन किया और कहा कि दुकान से सामान लेना है. इसके बाद मैं अपने घर से उठकर बाहर आया. वहां उन लोगों ने गाड़ी खड़ी कर रखी थी. मुझे जबरन गाड़ी में बिठा लिया और लेकर चले गये. इस दौरान वे मुझे गाड़ी में लेकर इधर से उधर घूमते रहे. फोन पर उन्होंने मेरे परिजनों से बात भी की और ढाई लाख रुपये की रंगदारी की मांग की.
रविंद्र ने बताया कि उनमें से कुछ युवक ने पहले बेगूसराय के इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) में नौकरी दिलाने के नाम पर मुझसे बात की थी. मुझे किसी दूसरी नौकरी का भरोसा दिलाया गया था, जब मैं वहां पहुंचा तब वहां मुझसे मजदूरी कराने लगे. इसके बाद मैं वहां से लौट आया. ढाई लाख रुपए में नौकरी लगवाने की बात हुई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. फिर मैंने पैसे नहीं दिये. इसके बाद वे मुझ पर पैसे का दवाब बना रहे थे. उन्होंने पैसों के लिए मेरा अपहरण कर लिया. फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है.