Bihar Crime News: करीब दस साल पूर्व एक फिल्म आयी थी. नाम था- पान सिंह तोमर. इस फिल्म में एक ऐसे सूबेदार की कहानी है जिसके जीवन का मकसद बागी बनना नहीं था. लेकिन परिस्थितियां ऐसी बदली कि उसे बागी बनना पड़ा. इंसाफ के लिए हथियार उठाना पड़ा. इसके बाद वह चंबल का आतंक बन गया. पूर्णिया के रूपौली से गिरफ्तार पवन सिंह की कहानी भी इससे काफी मिलती-जुलती है. अपने पिता की हत्या का जब इंसाफ नहीं मिला तो उसने पुलिस की नौकरी को छोड़ दी और बागी बन गया. वह तबतक चुप नहीं बैठा जबतक उसने अपने पिता की हत्या का बदला हत्यारे की हत्या करके नहीं ले लिया.
यह घटना 17 जून 2017 की है जब जिले के टीकापट्टी थाना के सपहा गांव के रहने वाले पवन सिंह के पिता ज्ञानचंद सिंह की कुछ ग्रामीणों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. तब पवन सिंह जीआरपी में पुलिस की नौकरी कर रहा था. इस घटना में टीकापट्टी थाने में एक दर्जन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. कालांतर में केस के अनुसंधान में सभी आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. इसके बाद से पवन सिंह का कानून पर से भरोसा टूट गया. वह अंदर ही अंदर बदले की भावना से जल रहा था.
जब इंसाफ की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गयी तब उसने खुद ही इंसाफ करने की ठान ली और हथियार उठा कर अपराध का रास्ता अपना लिया. अपने पिता की हत्या के दो साल बाद उसने गांव के शिक्षक नागेश्वर मंडल की चार मार्च 2019 को हत्या कर दी. इस हत्याकांड के बाद उसके पिता के अन्य नामजद गांव छोड़ कर फरार हो गये.
इसके बाद उसके द्वारा कई संगीन अपराध को अंजाम दिया और भूमिगत हो गया. इस घटना के बाद से पवन सिंह का समाज में रसूख बढ़ गया. उसकी अपनी मर्जी चलने लगी. धीरे-धीरे उसने अपना गिरोह बना लिया. दियारा के बीहड़ इलाकों में वह घोड़े की सवारी करता था. गिरोह के अन्य सदस्य भी घोड़े से ही चलते थे. उसके गिरोह में अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा था. सपहा समेत आसपास के गांव उसके नाम से थर्राने लगे.
भूमिगत होते हुए भी वह अपने घर पर अक्सर दरबार लगाता था और छोटे-छोटे विवादों का खुद निबटारा करता था. जो इसकी बात नहीं मानता उसे कोड़े से पीटता था. पिटाई इतनी बेरहमी से करता था कि लोग डर से उसके खिलाफ कुछ नहीं बोलते थे. उसने कई बार पुलिस को चकमा दिया. स्थानीय लोग बताते हैं कि पवन सिंह को उसके जातियों का भरपूर समर्थन प्राप्त था. यही वजह है कि वह बड़े आसानी से घोड़े पर इलाके में घूमता फिरता रहता था.
एसपी ने बताया कि पवन सिंह की गिरफ्तारी के लिए गठित विशेष टीम का नेतृत्व धमदाहा एसडीपीओ रमेश कुमार द्वारा की गयी. 50 हजार के इनामी पवन सिंह को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ ने जाल बिछाया. शनिवार की सुबह सात बजे जब पवन सिंह अपने घर सपहा में था, तभी एक बड़ा एंबुलेंस का वाहन समेत पिकअप और स्कार्पियो गाड़ी उसके घर के बाहर आकर रूकी. वाहनों में बैठे एसटीएफ के जवानों ने पल भर में ही पवन सिंह के घर को चारों ओर से घेर लिया. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर पवन को उसके घर पर ही दबोच लिया.
Posted By: Thakur Shaktilochan