ठाकुर शक्तिलोचन:
बिहार में इन दिनों अपहरण की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं जिससे पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार तक की बेचैनी बढ़ी है. पिछले दिनों बिहटा से एक शिक्षक के पुत्र का अपहरण कर लिया गया और कुछ ही घंटे बाद उसकी हत्या अपहरणकर्ता ने कर दी. वहीं जांच के दौरान पुलिस इस बिंदु पर भी विचार करती रही कि कहीं बालक ने खुद ही तो अपहरण का नाटक नहीं किया है. दरअसल, ऐसी घटनाएं भी लगातार सामने आती रही हैं जिसमें किसी न किसी स्वार्थ के चक्कर में खुद के अपहरण की नाटक लोग रच लेते हैं. ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में जानिए..
बिहटा में शिक्षक पुत्र तुषार का अपहरण कर लिया गया. तुषार जब गायब हुआ तो इसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस के पास की. मामले ने तूल तब पकड़ा जब तुषार के फोन से व्हाट्सएप के जरिए फिरौती की मांग की गयी. इसके बाद पुलिस अनुसंधान में जुटी. एकबार पुलिस ने यह भी जांच करना उचित समझा कि कहीं तुषार खुद तो गायब नहीं हो गया. दरअसल, एकबार मोबाइल की मांग को लेकर वो जिद में घर से भाग चुका था. ढाबे पर से उसकी बरामदगी हुई थी. इस बार तुषार बाइक की डिमांड कर रहा था. हालाकि पुलिस की आशंका गलत साबित तब हुई जब तुषार की लाश बरामद हुई और अपहरण की घटना का उद्भेदन कर दिया गया.
बिहटा अपहरणकांड के ठीक बाद इंटर के एक छात्र ने ऐयाशी के लिए पिता से पैसे ऐंठने के लिए अपने ही अपहरण की झूठी कहानी बनायी. लेकिन उसकी सारी कलाकारी पकड़ी गयी. दीघा थाने की पुलिस ने उसे नवादा जिले से बरामद किया. छात्र ने बरामदगी के बाद जो खुलासे किए वो हैरान करने वाले थे. स्क्रैप कारोबारी के पुत्र ने पिता से रकम ऐंठने के लिए खुद के अपहरण का नाटक रचा था. पिता का एटीएम कार्ड भी वो अपने साथ लेकर भागा था. किसी ने नाबालिग के ही मोबाइल फोन से उसके पिता के नंबर पर कॉल कर बेटे के अपहरण की जानकारी दी थी और 50 हजार रुपए फिरौती की मांग की थी. लेकिन मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे बरामद कर लिया गया.
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भागलपुर के घोघा थाना क्षेत्र में पिछले दिनों ऐसा ही एक मामला आया था. जहां नंदन कुमार (18 वर्ष) ने खुद के अपहरण का नाटक रचा था. पूरा परिवार रो-रोकर अपना बुरा हाल कर चुका था लेकिन बाद में जब पोल खुली तो पूरा मामला फर्जी पाया गया था. नंदन ने बीच सड़क पर अपने कुछ परिचितों से अपना अपहरण का नाटक करवाया था और फिरौती की मांग घरवालों से की थी. गेमिंग एप्प के जरिए सट्टे में पैसे लगाने की लत ने उसे मजबूर किया था.
भागलपुर में कार्यरत एक बांका निवासी जो मोबाइल कंपनी का मैनेजर था वो भी पिछले दिनों पटना से खुद गायब हो गया था. हर तरफ अपहरण की आशंका जताई जाने लगी. लेकिन जब पुलिस जांच में जुटी तो आसनसोल से उसे बरामद किया गया. पूछताछ में पता चला कि पत्नी से झगड़ा करके वो खुद गायब हो गया था.
पिछले साल पटना विस्कोमान के एजीएम अविनाश राज ने भी खुद के अपहरण का नाटक रचा था. अपने फोन से पत्नी को संदेश भेजकर 20 लाख फिरौती की मांग की थी. पुलिस जब जांच में जुटी तो मुजफ्फरपुर बस स्टैंड से उन्हें बरामद किया गया था. कर्ज लेकर शेयर व ट्रेंडिंग में लगाकर वो भारी नुकसान में चला गया था. किस्त चुकाने का दबाव बढ़ा तो पत्नी व परिवार से रूपए ऐंठने के लिए ये नाटक रचा था.
ऐसा ही मामला चुनाव के दौरान आया था जब सीवान में मुखिया प्रत्याशी के पति ने अपने अपहरण की अफवाह उड़वा दी थी. बाइक लावारिस हालत में बरामद की गयी थी और पटना में अपने रिश्तेदार के घर आराम से वो बैठे मिले थे. ऐसी कई अन्य घटनाएं सामने आती रहीं है जिससे पुलिस की मुश्किलें अनुसंधान में बढ़ती है.