Bihar Crime News पटना में फिर एक बार जालसाजों ने जाली चेक के जरिए बैंके से बड़ी रकम निकालने की कोशिश की. लेकिन इस बार भी उनका प्लान फेल हो गया. इस बार सरकारी खाते से 11 करोड़ 73 लाख 12 हजार 721 रुपये फर्जीवाड़ा होने से बच गया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक शख्स फर्जी चेक लेकर बैंक पहुंचा. दरअसल चितकोहरा का रहने वाला शातिर शुभम गुप्ता फर्जी चेक लेकर कोटक महिंद्रा बैंक गया था.
वो सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये आरटीजीएस कराने पहुंचा था. जब बैंक कर्मचारी ने चेक का साइन वेरीफाई की तो उसके होश उड़ गये. चेक पर पटना के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल का जाली सिग्नेचर किया हुआ था. शातिर को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. एग्जीबिशन रोड में कोटक महिंद्रा बैंक का ब्रांच है. चेक एक फर्म के नाम से था, जिसका अकाउंट आइसीआइसीआइ बैंक में है.
शुभम गुप्ता ने चेक को आरटीजीएस के लिए जमा कर दिया था. जब जांच के लिए चेक ब्रांच मैनेजर के पास पहुंचा तो जिला भू-अर्जन पदाधिकारी का साइन देखा. साइन देखने के बाद उसे असली साइन से मिलाया गया, तभी बैंक मैनेजर को इस मामले में शक हुआ. उन्होंने शुभम गुप्ता को बातों फंसाया रखा, और चेक की पड़ताल में जुट गए.
कई घंटों के पड़ताल के बाद यह पाया कि चेक पूरी तरह फर्जी है. इसके बाद बैंक मैनेजर ने स्थानीय पुलिस थाने को इस बात की सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस ने शुभम गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. रविवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया.
Posted By: Utpal kant