Bihar crime: पत्रकार बौआ हत्याकांड में पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग, अब इन 14 बिंदुओं पर होगी जांच

Bhagalpur crime news: तिलकामांझी के रहने वाले सोशल मीडिया पत्रकार वरुण पाठक उर्फ बौआ पाठक हत्याकांड मामले में भागलपुर पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे है. जांच में दुर्गेश द्वारा हत्या किये जाने की बात की पुष्टि हुई. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 9, 2022 5:55 AM

भागलपुर, अंकित आनंद: तिलकामांझी के रहने वाले सोशल मीडिया पत्रकार वरुण पाठक उर्फ बौआ पाठक की विगत 24 जून 2022 को देर शाम जोगसर थाना क्षेत्र के दुर्गाचरण स्कूल के पास हत्या कर दी गयी थी. उक्त मामले में घटना के दिन पुलिस सहित कुछ लोगों ने पहले तो इसे प्रथम दृष्ट्या सड़क दुर्घटना बताया. पर मायागंज अस्पताल पहुंचे परिजनों ने मामले में हत्या किये जाने का आरोप लगाया. वहीं मौत के तीन दिन बाद आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सिर में गोली मार हत्या किये जाने की बात सामने आयी. पुलिस ने मामले में नामजद अभियुक्त लक्की और दुर्गेश के विरुद्ध जांच शुरू कर दी. जांच में दुर्गेश द्वारा हत्या किये जाने की बात की पुष्टि हुई. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

कुल 14 बिंदुओं पर जांच का निर्देश दिया गया

उक्त मामले में वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा किये गये जांच में कई बातों का खुलासा हुआ है. इसके आधार पर कांड के अनुसंधानकर्ता को कांड की जांच में यह बात सामने आयी है कि घटना से एक दिन पूर्व दुर्गेश और बौआ ने एक साथ बाइपास पर नशीली दवा का सेवन किया. इसके बाद दुर्गेश का दो मोबाइल गायब हो गया. मोबाइल गायब करने का आरोप को दुर्गेश और बौआ पाठक के बीच उसी दिन शाम में लोहिया पुल के समीप लाठी-डंडे से मारपीट हुई थी. दुर्गेश ने बौआ का सिर फोड़ दिया था. उक्त घटना के बाद दुर्गेश ने सुमन कुमार नामक व्यक्ति से कट‍्टा लिया.

24 जून को दुर्गेश ने अपने टेंट हाउस के स्टाफ के साथ मिल कर बहला फुसला कर बौआ को लाजपत पार्क के पास बुलाया. वहां दुर्गेश ने बौआ से उसे मोबाइल वापस करने को कहा. वहीं पर दुर्गेश, बौआ और गोलू ने साथ मिल कर चाय भी पी. उसके बाद वे लोग दुर्गाचरण स्कूल के पास गये. जहां दुर्गेश और गोलू ने मिल कर बौआ के सिर में गोली मार दी और उसे वहीं छोड़ दिया. घटना को अंजाम देने के बाद गोलू अपने घर चला गया और दुर्गेश अपनी मोटरसाइकिल से मानिक सरकार चौक होकर फरार हो गया.

एक नजर में पढ़े पूरी खबर

  • पुलिस की जांच में दो अप्राथमिक अभियुक्तों के विरुद्ध दोष सिद्ध, 14 बिंदुओं पर अग्रतर जांच के निर्देश

  • मोबाइल के लौटाने को लेकर दुर्गेश व बौआ में हुई थी मारपीट, फूटा था बौआ का सिर

  • एक दिन पूर्व दुर्गेश और बौआ ने बाइपास पर किया था नशीली दवा का सेवन, गायब हुई थी दुर्गेश की मोबाइल

  • मोबाइल लौटाने को लेकर दुर्गेश और बौआ के बीच चल रहा था विवाद, गोलू को भी साजिश में किया शामिल

  • कांड के एक अन्य नामजद अभियुक्त लक्की के विरुद्ध पुलिस की जांच जारी, कई बिंदु पर हो रही जांच

इन बिंदुओं जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए गए

  1. हत्याकांड में पुलिस की जांच में दोषी पाये गये सभी अभियुक्तों के नाम-पता का सत्यापन कर उनकी गिरफ्तारी या कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करे.

  2. कांड की जांच में रखे गये अभियुक्त लक्की के विरुद्ध साक्ष्य संकलन कर अग्रतर कार्रवाई करे.

  3. दुर्गेश को कट्टा मुहैया कराने वाले सुमन कुमार का पता कर गहराई से पूछताछ करें और बौआ से उसका कोई विवाद होने की बात की जानकारी लें.

  4. प्राथमिक अभियुक्त लक्की के मोबाइल का सीडीआर और मोबाइल लोकेशन की जानकारी लें. साथ ही अन्य अभियुक्तों से संपर्क या मृतक से किसी विवाद का पता करें.

  5. घटना में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी के लिए कार्रवाई करे.

  6. घटना की सूचना मृतक के घर पर किस ने दी, उक्त व्यक्ति के नाम-पता का सत्यापन कर उससे पूछताछ करें.

  7. सुमन, दुर्गेश और बौआ के मोबाइल का सीडीआर निकाल उसकी गहन जांच व विश्लेषण करें.

  8. अभियुक्तों के पूर्व आपराधिक इतिहास का पता कर उसे केस डायरी में लाया जाये.

  9. मोबाइल लौटाने के विवाद के अलावा अभियुक्तों और मृतक के बीच किसी अन्य तरह के विवाद का भी पता लगायें.

  10. घटनास्थल के आसपास का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर अभियुक्तों के भागते हुए फुटेज को निकालें.

  11. दुर्गेश का मोबाइल खोने के बाद उसने किस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया इसकी जानकारी निकाल उसका सीडीआर खंगालें.

  12. लोहिया पुल के समीप हत्या से एक दिन पूर्व हुए विवाद को लेकर बौआ, दुर्गेश और सुमन के मोबाइल लोकेशन का पता करें.

  13. घटना से पूर्व गोलू और बौआ के बीच हुए कॉल की विस्तृत जानकारी और घटना के बाद गोलू, सुमन और दुर्गेश के बीच हुए मोबाइल से कब कब बातचीत हुई इसकी जानकारी निकालें

  14. कांड में ज्यादा से ज्यादा स्वतंत्र साक्षियों का बयान दर्ज करें.

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