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एआइ के साथ जुड़ेंगे बिहार के आपराधिक आंकड़े, देश के किसी कोने में अपराधी का छुप जाना अब होगा मुश्किल

बिहार के अापराधिक आंकड़े आर्टिफिसियल इंटिलिजेंसी के साथ जुड़ेंगे. इसका मतलब है कि राज्य में जितने भी अपराध होते हैं, उसकी जानकारी देश के अन्य राज्यों को तत्काल हो जायेगी. राज्य का कोई भी अपराधी अगर वह अंतरराज्यीय है, तो फोटो के साथ एक क्लिक पर दूसरे राज्यों में उसके अपराध की पूरी जानकारी पुलिस के पास होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 2, 2021 8:46 AM
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पटना. बिहार के अापराधिक आंकड़े आर्टिफिसियल इंटिलिजेंसी के साथ जुड़ेंगे. इसका मतलब है कि राज्य में जितने भी अपराध होते हैं, उसकी जानकारी देश के अन्य राज्यों को तत्काल हो जायेगी. राज्य का कोई भी अपराधी अगर वह अंतरराज्यीय है, तो फोटो के साथ एक क्लिक पर दूसरे राज्यों में उसके अपराध की पूरी जानकारी पुलिस के पास होगी. अगर कोई गुमशुदा होता. कोई शव मिलता है तो फोटो के साथ क्लिक करने पर दूसरे राज्यों के साथ तत्काल डेटा का मिलान होगा और उसकी पूरी जानकारी बिहार पुलिस के पास होगी.

गुरुवार को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल की अध्यक्षता व अपर पुलिस महानिदेशक कमल किशोर सिंह के समन्वय में दिल्ली से आये एनसीआरबी के निदेशक रामफल पवार, उपनिदेशक प्रशुन्न गुप्ता व तकनीकी सहायक राजीव राव के साथ पुलिस मुख्यालय के अन्य आला अधिकारियों की उपस्थिति में बिहार में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) को लेकर बैठक की गयी. इसमें एनसीआरबी के अधिकारियों ने कहा कि केंद्र बिहार को जल्द ही नये साॅफ्टवेयर उपलब्ध करायेगा.

पीरबहोर थाने में देखा गया काम

बैठक करने के साथ एनसीआरबी के अधिकारियों ने पटना के पीरबहोर थाने में जाकर सीसीटीएनएस के तहत किये गये कामों को देखा. सीसीटीएनएस के तहत थानों से ऑनलाइन कोर्ट तक प्राथमिकी, चार्जशीट से लेकर अन्य कागजातों के आदान- प्रदान आदि कार्यों को देखा गया. इसके अलावा अरवल के थानों के काम को ऑनलाइन के माध्यम से एनसीआरबी के अधिकारियों के देखा.

बैठक में पहले पुलिस मुख्यालय की ओर से सीसीटीएनएस के तहत किये गये कार्यों का पॉवर प्वाइट प्रजेंटेशन किया गया. इसके बाद एनसीआरबी के अधिकारियों ने नये साफ्टवेयर के बारे में जानकारी साझा की. गौरतलब है कि पटना के 72 थानों में सीसीटीएनएस का काम किया जा रहा है.

जुलाई तक सभी थानों में सीसीटीएनएस सुविधा

पुलिस विभाग एक अगस्त से राज्य के सभी थानों में पोर्टल लांच करने की योजना पर काम कर रहा है. इसमें आम आदमी से जुड़ी नौ सुविधाएं ऑनलाइन होंगी. इसमें पहली सुविधा होगी कि आम आदमी थानों में ऑनलाइन शिकायत कर सकेगा. इसके अलावा अगर शिकायत एफआइआर में बदलती है , तो ऑनलाइन केस ट्रैकिंग की सुविधा रहेगी. अब जुलाई के अंत तक सभी 1094 थानों के लिए सीसीटीएनएस यह सुविधा लागू हो जायेगी. राज्य में यह लगभग 250 करोड़ की योजना है.

गौरतलब है कि राज्य में सीसीटीएनएस योजना की शुरुआत सितंबर 2018 हुई थी. पहले फेज में राज्य के 894 थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का काम पूरा हो गया है. मार्च मध्य में ही सीसीटीएनएस काम पूरा कर लिया गया है. अब पुलिस मुख्यालय ने सेकेंड फेज के तहत 162 थानों में सीसीटीएनएस के तहत काम की शुरुआत कर दी है.

एनसीआरबी के निदेशक रामफल पवार ने कहा कि सीसीटीएनएस के तहत यहां काफी काम हुआ है. इससे पुलिसिंग को काफी फायदा मिलेगा. हम पूरा सहयोग कर रहे हैं. बिहार अग्रणी राज्यों में शामिल होगा.

Posted by Ashish Jha

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