पटना. पटना मेट्रो का काम तेजी से धरातल पर उतरने लगा है. डीएमआरसी अधिकारी ने बताया कि फरवरी 2027 तक पटना में मेट्रो रेल सेवा शुरू हो सकती है. सबसे पहले मेट्रो का कॉरिडोर दो (आइएसबीटी से पटना जंक्शन वाया अशोक राजपथ, राजेंद्र नगर) चालू होगा. इस अवधि तक इस खंड के एलिवेटेड सेक्शन (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) के साथ ही अंडरग्राउंड सेक्शन (राजेंद्र नगर से अशोक राजपथ होते हुए पटना जंक्शन तक) का सिविल ही नहीं, इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल आदि कार्य पूरा करते हुए मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जायेगा. हालांकि कॉरिडोर एक (दानापुर से बेली रोड होते हुए खेमनीचक तक) पर अभी अंडरग्राउंड सेक्शन का काम शुरू नहीं होने से इसका लक्ष्य तक तय नहीं हो सका है.
कॉन्कोर्स एरिया में बिहार के कल्चर की झलक
डीएमआरसी अधिकारियों ने बताया कि पटना मेट्रो के 24 में से 12 स्टेशन अंडरग्राउंड बनाये जाने हैं. यह अंडरग्राउंड स्टेशन दो से तीन लेयर में होंगे. इनमें एक कोन्कोर्स लेवल होगा, जिस पर सुरक्षा जांच, टिकट काउंटर सहित अन्य सुविधाएं होंगी. इस लेवल पर कई प्राइवेट स्टॉल भी होंगे. कोन्कर्स एरिया में बिहार के कल्चर की झलक दिखेगी. यहां पर भोजपुरी, मगही, मैथिली, तिरहुत व अंग क्षेत्र की संस्कृतियों को दीवारों पर प्रदर्शित किया जायेगा.
21 मीटर की गहराई में राजेंद्र नगर बनेगा सबसे गहरा स्टेशन
अधिकारी के मुताबिक अंडरग्राउंड स्टेशनों में राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन सबसे गहरा होगा. सामान्य तौर पर मेट्रो स्टेशनों की गहराई 16 मीटर होती है, चूंकि राजेंद्र नगर स्टेशन रेलवे लाइन के नीचे से होकर गुजरेगी इसलिए इसको पांच मीटर का एक्स्ट्रा कुशन दिया जायेगा. इसलिए राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन की गहराई करीब 21 मीटर होगी. यह मेट्रो स्टेशन तीन लेयर में बनाया जाना है. अधिकारी के मुताबिक रेलवे लाइन से अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के बीच कम से कम 15 मीटर का गैप मेंटेन करना अनिवार्य है.
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सुरक्षा गेट से कवर रहेगी मेट्रो की लाइन
संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पटना मेट्रो के सभी स्टेशनों की पटरियों को सुरक्षा गेट से कवर किया जायेगा. यह सुरक्षा गेट तभी खुलेंगे, जब मेट्रो ट्रेनों का स्टेशन पर आगमन होगा. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने पटना मेट्रो के सभी प्लेटफॉर्मों की डिजाइनिंग में सुरक्षा गेट को शामिल किया है. डीएमआरसी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली मेट्रो सहित कई स्टेशनों पर अचानक यात्रियों के प्लेटफॉर्म से ट्रैक पर कूदने की कई घटनाएं हुई हैं. आत्महत्या की प्रवृति से भी लोग ऐसा करते हैं. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पटना में भी मेट्रो स्टेशनों पर पटरियों की बैरिकेडिंग का निर्णय लिया गया है.